बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लेकर विदेश भागे शराब कारोबारी विजय माल्या के बयान पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई दी। उन्होंने माल्या से किसी तरह की मुलाकात होने से इनकार किया है। फेसबुक पर जेटली ने कहा कि उन्होंने कभी भी माल्या को मिलने का समय नहीं दिया। वह न तो घर पर और न ही ऑफिस में माल्या से मिले, अलबत्ता एक बार माल्या संसद के बाहर उनसे बात करने जरूर आए थे।

जेटली ने लिखा है, 2014 के बाद मैंने माल्या को कभी मिलने का समय ही नहीं दिया इसलिए किसी तरह की मुलाकात का सवाल ही नहीं उठता। माल्या का बयान तथ्यात्मक रूप से झूठा है। एक बार संसद के बाहर माल्या ने खुद ही आकर बैंकों से सेटलमेंट पर बात करने की कोशिश की थी। इस पर मैंने कहा था कि वह बैंकों से बात करें, क्योंकि मैं उनके इस तरह के फर्जी ऑफर से वाकिफ था। 

जेटली के मुताबिक, माल्या राज्यसभा सांसद थे और कभी-कभार संसद भी आते थे। एक बार उन्होंने इस पद का तब दुरुपयोग किया जब मैं सदन से बाहर निकलकर कमरे जा रहा था। वह तेजी से मेरे पास आए और कहा कि समझौते को लेकर मेरे पास एक ऑफर है। लेकिन उनके फर्जी दावों को जानते समझते हुए मैंने कहा कि मुझसे बात करने का कोई फायदा नहीं है। उन्हें बैंकों से बात करनी चाहिए। मैंने उनसे वो पेपर भी नहीं लिए जो उनके हाथ में थे। 

विजय माल्या ने एक सनसनीखेज दावे में कहा है कि उन्होंने देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से बातचीत की थी। मैंने उनसे मिलकर कर्ज का मामला निपटाने पर बात की थी। लेकिन बैंकों ने इस पर आपत्ति जताई थी। माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर बुधवार को लंदन की कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसी दौरान कोर्ट के बाहर माल्या ने ये बयान दिया।