मल्लिकार्जुन खड़के बने पर्यवेक्षक

नई दिल्ली। पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आयी कांग्रेस पार्टी अगले दो दिन में अपना मुख्यमंत्री चुन सकती है। पार्टी के विधायक दल की बैठक 14 को रायपुर में होगी और इसके लिए केन्द्रीय नेतृत्व ने वरिष्ठ कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन को पर्यवेक्षक नियुक्त किया। वो विधायकों की राय लेकर आलाकमान को सौंपेगे और उसके बाद मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी।

राज्य में कांग्रेस पन्द्रह सालों के बाद सत्ता में आयी है और उसने राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 68 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि भाजपा को 15 सीटें मिली हैं। जबकि अन्य दलों को 7 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है। राज्य में सरकार बनाने के लिए पार्टी को किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है। लेकिन कांग्रेस आलाकमान कह चुका है कि वह सभी राज्यों में अपने सहयोगी दल और विपक्ष को एक साथ लेकर चलेगा।

सूत्रों के मुताबिक नई सरकार 16 दिसंबर को शपथ ले सकती है और उससे पहले विधायक दल की बैठक में सीएम का नाम तय किया जाएगा। 16 दिसंबर को शपथ लेने का असली मकसद एक तीर से दो निशाने साधना है। पहला 16 दिसंबर को सतनामी समाज की शोभा यात्रा निकलेगी और इसे शुभ दिन माना जाता है और दूसरा सीएम को लेकर होने वाले विवाद को भी आसानी से आंका जा सकता है। अभी तक सीएम की दौड़ में आधा दर्जन नाम चल रहे हैं। इसमें भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और चरण दास महंत का नाम प्रमुख है। हालांकि इन दावेदारों में बघेल के नाम को लेकर ज्यादा चर्चा है।

पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के मुताबिक गुरुवार तक राज्य के सभी जीते विधायक रायपुर में कांग्रेस मुख्यालय में आएंगे। क्योंकि कई विधायक राजधानी से काफी दूरी पर हैं। इसके बाद विधायको की बैठक होगी और उन्हीं की राय पर विधायक दल का नेता चुना जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि 14 की शाम तक पार्टी मुख्यमंत्री का फैसला कर देगी। नाम तय होने के बाद कैबिनेट के सदस्यों के नाम भी आलाकमान तय करेगा और इसके बाद पार्टी 16 दिसंबर को सरकार बनाएगी।