प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट अब वंदे भारत होगा। हालांकि ये पहले ही माना जा रहा था कि अगर ये प्रोजेक्ट 2018 में लांच नहीं होगा तो इसका नाम बदला जा सकता। लिहाजा मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ट्रेन 18 की ट्रेन का नाम बदल दिया गया है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट अब वंदे भारत होगा। हालांकि ये पहले ही माना जा रहा था कि अगर ये प्रोजेक्ट 2018 में लांच नहीं होगा तो इसका नाम बदला जा सकता। लिहाजा मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ट्रेन 18 की ट्रेन का नाम बदल दिया गया है और अब इसका नया नाम वंदे भारत एक्सप्रेस होगा। अब ये ट्रेन दिल्ली से वाराणसी के बीच चलेगी।
देश की पहली देसी कोच फैक्टरी में बनी ट्रेन वंदे भारत ट्रेन बजट के बाद किसी भी दिन शुरू हो सकती है। ये ट्रेन पहले ट्रेन-18 के नाम पर थी। लेकिन साल बीत जाने के बाद सरकार को इसका नाम बदलना पड़ा। अब इस ट्रेन का नाम वंदे भारत एक्सप्रेस रखा गया है। हालांकि ये पहले ही माना जा रहा था कि 2018 के अंत में इस ट्रेन को शुरू करना मुश्किल है। अब इस ट्रेन के परिचालन के लिए सभी प्रकार की सुरक्षा संबंधी मंजूरी मिल चुकी है। लिहाजा ऐसा माना जा रहा है कि बजट सत्र के दौरान इसे चलाने की मंजूरी मिल सकती है। रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इसका किराया शताब्दी एक्सप्रेस से करीब 50 फीसदी ज्यादा हो सकता है।
जानकारी के मुताबिक इस ट्रेन के एग्जिक्यूटिव क्लास का किराया 2,800 रुपये से 2,900 रुपये के बीच और चेयर कार का किराया 1,600 रुपये से 1,700 रपए के बीच रहेगा। इसे बजट के बाद इस ट्रेन को शुरू किया जाएगा और पहली ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलेगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि सेफ्टी क्लियरेंस, ट्रायल्स और टेस्ट्स पास कर लेने के बाद देश में निर्मित सेमी-हाईस्पीड ट्रेन-18 यात्रियों की सेवा के लिए तैयार है। ये ट्रेन कानपुर से प्रयागराज होते हुए 8 घंटों में कुल 755 किलोमीटर की दूरी तय वाराणसी पहुंचेगी। अभी सबसे तेज ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी के बीच की दूरी 11 घंटे 30 मिनट में तय करती है। यह ट्रेन अधिकतम 200 किलोमीटर की रफ्तार से चलने में सक्षम है।
Last Updated Jan 27, 2019, 5:39 PM IST