इस नए सिक्योरिटी इंक से कुछ भी लिखा जाएगा वह सामान्य आंखों से किसी को दिखाई नहीं देगा। यह केवल तय वेब लेंथलेजर का प्रकाश डालने पर ही दिखाई देगा। 

हालांकि अदृश्य रहने वाली इंक इस समय बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन यह इंक लंबे समय काम नहीं करती है। अभी तक रिजर्व बैंक विदेशों से इंक मंगवाकर उसका प्रयोग किया कर रही थी। 

सिक्योरिटी इंक विदेशों से आने के कारण जब भारत ने पुराने नोटों की जगह नए 2000 व 500 के नए नोट बाजार में उतारे तो कुछ दिन बाद ही नकली नोट भी बाजार में आ गए थे। परंतु अब वैज्ञानिकों के इस अभिनव प्रयोग के बाद तैयार की गई सिक्योरिटी इंक से नकली करंसी का धंधा करने वाले कामयाब नहीं हो पाएंगे।

भारत की अपनी सिक्योरिटी इंक वेब लेंथलेजर होगी।  जिसे सिर्फ वेब लेंथलेजर प्रकाश में पढ़ा जा सकेगा। यह वेब लेंथलेजर मशीन नोट गिनने वाली मशीन में भी फिट की जाएगी। जिससे मशीन का प्रयोग कर करंसी के असली व नकली होने का पता किया जा सके।