बढ़ा हुआ वेतनमान देने से राज्य सरकार पर करीब 24,500 करोड़ रुपये सालाना का बोझ पड़ेगा। कर्मचारियों को 36 महीने का एरियर देने के लिए महाराष्ट्र सरकार पर 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ भी झेलना होगा।
महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को नए साल का तोहफा दिया है। महाराष्ट्र कैबिनेट ने राज्य से सभी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन देने को मंजूरी दे दी है। इसका लाभ राज्य के करीब 19 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को मिलेगा। खास बात यह है कि बढ़ा हुआ वेतनमान 1 जनवरी 2019 से मिलेगा। लेकिन इसे लागू पहली जनवरी 2016 से लागू किया गया है। यानी प्रत्येक कर्मचारी को 36 महीने का एरियर मिलेगा। इस फैसले को 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव और राज्य विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है।
राज्य के करीब 19 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को सातवें पे कमीशन के अनुसार वेतनमान देने से राज्य सरकार पर करीब 24,485 करोड़ रुपये सालाना का बोझ पड़ेगा। कर्मचारियों को 36 महीने का एरियर देने के लिए महाराष्ट्र सरकार पर 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ भी झेलना होगा। एक अधिकारी के अनुसार, नए वेतनमान के तहत सभी सरकारी कर्मचारी 14 महीने के महंगाई भत्ते के भी हकदार होंगे।
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— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) December 27, 2018
राज्य सरकारी कर्मचार्यांना
सातवा वेतन आयोग लागू pic.twitter.com/FCYqWDho0N
सातवां पे कमीशन लागू होने के बाद राज्य के सरकारी कर्मचारियों के वेतन में अलग-अलग बढ़ोतरी होगी। एक आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के वेतन में 4 से 5 हजार रुपये की बढ़ोतरी होगी। तृतीय श्रेणी के कर्मचारी का वेतन 5 से 8 हजार रुपये तक बढ़ेगा। वहं पहली व दूसरी श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन में 9 से 14 हजार रुपये की वृद्धि होगी। राज्य सरकार ने 2018-19 के बजट में कर्मचारियों के वेतनमान में बदलाव के लिए 10 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
Last Updated Dec 28, 2018, 2:20 PM IST