कोच्चि। केरल में पिछले साल 18 लोगों की जान लेने वाला निपाह वायरस फिर लौट आया है। यहां एक 23 साल के कॉलेज छात्र को निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो गई है जबकि 86 अन्य को निगरानी में रखा गया है। युवक का फिलहाल एर्नाकुलम के एक निजी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।

शैलजा ने बताया कि छात्र की हालत स्थिर है। उसे वेंटीलेटर जैसी किसी जीवन रक्षक प्रणाली पर नहीं रखा गया है। उन्होंने बताया, ‘मरीज की ठीक से देखभाल की जा रही है। कभी-कभार मरीज बुखार के कारण बैचेन हो जाता है। हम अच्छे परिणाम की उम्मीद करते हैं।’ मरीज की शुरूआत में देखभाल करने वाली दो नर्सों ने गले में खराश और बुखार की शिकायत की और स्वास्थ्य विभाग उन पर भी नजर रख रहा है।

मंत्री ने आगे बताया कि छात्र से संपर्क करने वाले 86 लोगों की एक सूची तैयार की गई है और उन्हें चिकित्सा निगरानी में रखा गया है। उन्होंने बताया कि 86 में से दो बुखार से पीड़ित हैं और एक को यहां के कलमसेरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बनाए गए अलग-थलग वार्ड में रखा गया है।

उन्होंने बताया कि छात्र जांच की रिपोर्ट मंगलवार को सुबह ही आई। इससे पहले दो विषाणु विज्ञान संस्थानों - मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और केरल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज़ेज में भी रक्त के नमूनों की जांच की गई थी।  लोगों से दहशत में नहीं आने और बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती उपाय करने को कहा गया है। 

उन्होंने कहा, ‘हमें विश्वास है कि हम इसका सामना कर सकते हैं। हमने पिछले साल कोझीकोड में इसका सामना किया था और इसे काबू किया था।’ पिछले साल कोझिकोड में निपाह वायरस के संक्रमण से 18 लोगों की मौत हो गई थी। 

सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वालों से जनता में दहशत न फैलाने की अपील करते हुए मंत्री ने कहा कि इस तरह के कृत्यों में शामिल पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने उल्लेख किया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने भरोसा दिया है कि बीमारी से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलिया में विकसित एनवाईवी रोधक एक दवा राज्य को प्रदान की जाएगी। निपाह वायरस का नाम मलेशिया के एक गांव सुनगई निपाह पर रखा गया है जहां पहली बार इसका पता चला था। 

ऐसे बचें निपाह वायरस के संक्रमण से

अगर आपको बुखार और खांसी के साथ बहुत ज्यादा थकान और नींद महसूस होती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मास्क और ग्लब्स पहनना न भूलें। किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में ज्यादा समय तक रहने से परहेज करें, जो इस वायरस से ग्रस्त हो। ऐसे फलों व सब्जियों को खाने से बचें जिन्हें पक्षियों ने आंशिक तौर पर खाया हो। आम, अमरूद खाने से परहेज करें। खुले बर्तन में रखी चीजों का इस्तेमाल करने से बचें। ऐसे जगह रहने वाले लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है, जहां बहुत ज्यादा चमगादड़ होते हैं। खुद को साफ-सुथरा रखें। अगर आप अस्पताल जाते हैं तो अपने हाथ-पैर साबुन से अच्छे से धोएं।