केंद्र सरकार की याचिका के खिलाफ पर निर्मोही अखाड़ा आज सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अखाड़े ने कोर्ट में कहा कि सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण करने के बाद वहां के मंदिर नष्ट हो जाएंगे, इसलिए अतिरिक्त भूमि को वापस न करें और इस मामले में केन्द्र सरकार की मांग को खारिज किया जाए।
केंद्र सरकार की याचिका के खिलाफ पर निर्मोही अखाड़ा आज सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अखाड़े ने कोर्ट में कहा कि सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण करने के बाद वहां के मंदिर नष्ट हो जाएंगे, इसलिए अतिरिक्त भूमि को वापस न करें और इस मामले में केन्द्र सरकार की मांग को खारिज किया जाए।
असल में सुप्रीम कोर्ट ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दाखिल की थी। अब इस याचिका के खिलाफ निर्मोही अखड़ा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। केन्द्र सरकार ने अदालत से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की गैर विवादित भूमि को लौटाने का अनुरोध किया था। वहीं अब अखाड़े ने कोर्ट में कहा कि भूमि अधिग्रहण से वह मंदिर नष्ट हो जाएंगे जिनका संचालन अखाड़ा करता है। इसलिए उसने अदालत से विवादित भूमि पर फैसला करने के लिए कहा है।
असल में केन्द्र सरकार ने 29 जनवरी को अयोध्या में विवादास्पद राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद स्थल के पास अधिग्रहित की गई 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने की मांग की थी और उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। अखाड़े ने कोर्ट में कहा कि वह जल्द ही राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवाद का निस्तारण चाहता है। असल में सरकार इस जमीन को राम जन्मभूमि न्यास को देना चाहती है और इसकी स्थापना विश्व हिंदू परिषद ने की थी। केंद्र का कहना था कि 2.77 एकड़ विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल के पास 67 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था।
उस वक्त शीर्ष अदालत ने अधिग्रहण की गई 67 एकड़ जमीन पर यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। गौरतलब है कि इस्माइल फारुखी फैसले में सुप्रीम कोर्ट खुद कह चुका है कि इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद गैर विवादित जमीन को उनके मालिकों को लौटाने पर विचार कर सकती है। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने राम मंदिर बाबरी मस्जिद के लिए एक कमेटी का गठन किया है जो इस मामले के सभी पक्षोंकारों से बातचीत कर रहा है।
Last Updated Apr 9, 2019, 5:49 PM IST