पटना। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के प्रमुख नीतीश कुमार ने का मास्टर स्ट्रोक खेला है। जिसके जरिए वह अपनी चुनावी वैतरणी पार कर सकें। नीतीश कुमार ने दलितों की तर्ज पर ही राज्य के अति पिछड़े वर्ग के कारोबारियों को लिए राज्य सरकार का पिटारा खोला है। नीतीश कुमार ने राज्य के कारोबारियों  के लिए  पांच लाख तक का कर्ज बगैर किसी ब्याज पर देने का ऐलान किया है। इससे जरिए नीतीश कुमार ने छोटे कारोबारियों को साधा है।

पटना में कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर नीतीश कुमार ने ये ऐलान किया है। इसके जरिए उन्होंने अति पिछले वर्ग को साधने की कोशिश की है। राज्य में अगले छह महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं  और इससे पहले नीतीश कुमार ने अति पिछड़े वर्ग के लिए राज्य का खजाना खोला है। अभी तक राज्य में दलितों को ही ये लाभ मिलता था। इस योजना के तहत दलित कारोबारियों को अपने कारोबार को शुरू करने के लिए पांच लाख तक का कर्ज दिया है और इस पर ब्याज नहीं लिया जाता है। लिहाजा अब ये सुविधा अति  पिछड़े वर्ग के लोगों को भी मिलेगी।

जननायक कर्पूरी जयंती के मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में अति पिछड़े वर्ग के उद्यमियों को भी दलितों की ही तर्ज पर ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे कारोबारियों को ऋण देने के साथ ही उनके उद्यम से संबंधित ट्रेनिंग भी दी जाएगी ताकि वह लाभ कमा सकें। असल में नीतीश कुमार ने महज एक ऐलान नहीं किया है बल्कि उन्होने इसके जरिए राज्य के अतिपिछड़े वर्ग को सीधे तौर पर साधा है। क्योंकि राज्य में इस वर्ग में ज्यादा गरीब हैं और उन्हें कारोबार के लिए सरकारी मदद नहीं मिलती है। वहीं राजद ने इसे नीतीश कुमार का चुनावी स्टंट बताया है।