नई दिल्ली। आतंकी की फैक्ट्री कहे जाने वाले पाकिस्तान में नया धंधा शुरू हो गया है। पाकिस्तान में अब आतंकियों के साथ ही फर्जी पायलट भी तैयार होने लगे हैं। लिहाजा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), वियतनाम ,यूरोपीय यूनियन और यूनाइटेड किंग्डम द्वारा पाकिस्तान के पायलटों पर प्रतिबंध लगाने के बाद पाकिस्तान के दोस्त मलेशिया ने भी पाकिस्तानी पायलटों के जहाज उड़ाने को बैन कर दिया है।

इसके लिए सिविल एविएशन अथॉरिटी ऑफ़ मलेशिया ने कहा कि एक समीक्षा करने करने के बाद देश में पाकिस्तानी पायलटों पर प्रतिबंध लगाया है। हालांकि मुस्लिम देश होने के कारण मलेशिया पाकिस्तान का करीबी माना जाता है। लेकिन वहां की नई सरकार अब भारत से अच्छे रिश्ते रखना चाहती है। जबकि पूर्व की महातिर सरकार ने भारत के साथ संबंधों को खराब किया था। महातिर सरकार पाकिस्तान के कहने पर भारत विरोधी बयान जारी करती थी। लेकिन अब मलेशिया ने भी पाकिस्तान के पायलटों पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि मलेशिया में 20 से कम पाकिस्तानी पायलट हैं।

ये पालयट न केवल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को संचालित करते हैं बल्कि वहां के फ्लाइंग क्लब और हवाई जहाज उड़ाने की ट्रेनिंग देने वाले संस्थानों में कार्यरत हैं।  लेकिन अब सिविल एविएशन अथॉरिटी ने इन संस्थानों से पाकिस्तान पायलटों को बाहर करने का आदेश दिया है और पायलटों की सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं अथॉरिटी ने कहा कि इन पायलटों को काम करने की अनुमति तभी मिलेगी जब वह डिग्री और प्रशिक्षण संबंधित सर्टिफ़िकेट की जांच ठीक ढंग से हो जाएगी।

मलेशिया से पहले यूनाइटेड किंगडम सिविल एविएशन अथॉरिटी ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के परमिट को वापस लेने का ऐलान कर दिया था। जबकि उससे पहले पाकिस्तान के करीबी माने जाने वाले संयुक्त अरब अमीरात ने भी वहां पर काम करने वाले पाकिस्तानी पायलटों और इंजीनियरों की डिग्री और उनके लाइसेंस को सत्यापित करने को कहा था। क्योंकि यूएई को शक है कि उनकी डिग्रियां फर्जी हैं।

असल में पाकिस्तान के सिविल एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने पिछले महीने कराची विमान दुर्घटना पर जांच रिपोर्ट असेम्बली में पेश करने के बाद दावा किया था कि पाकिस्तान में  40 फीसदी पायलट फर्जी हैं। उन्होंने कहा था कि सिविल एविएशन विभाग में इतना भ्रष्टाचार है कि पिछले 11 साल के कार्यकाल में 10 प्रमुख बदले जा चुके हैं।