पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। हालांकि भारत के मित्र माने जाने वाले बांग्लादेश में भी अल्पसंख्यक हिंदुओ की स्थिति बेहतर नहीं है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं से ज्यादती का ताजा मामला जमालपुर सदर में सामने आया है। यहां एक हिंदू महिला को पेड़ पर बांध दिया गया। महिला का दावा है कि उसकी जमीन को जबरन हथियाने के लिए ऐसा किया गया। महिला के मुताबिक, उसके परिजनों के साथ मारपीट की गई। उधर, बांग्लादेश प्रशासन ने इस खबर को लेकर मीडिया पर पाबंदी लगा दी है। हालांकि यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।  

सुमोन देबनाथ जमालपुर सदर के केंडुआ कालीबाड़ी के खमारपारा गांव में स्कूल टीचर है। उन्होंने एक शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि इलाके के एक दबंग सुल्तान महमूद फाकिर की नजर उसकी जमीन पर थी। फाकिर इलाके एक दूसरे दबंग मोकेशाद अली का बेटा है। सुमन देबनाथ का आरोप है कि 18 अप्रैल को इन लोगों ने जबरन उसकी 16 डेसीमल जमीन कब्जा ली।

सुल्तान महमूद ने कब्जाई हुई जमीन पर रातोंरात उस जमीन पर अस्थायी ढांचा खड़ा कर लिया। हैरानी की बात यह है कि वह यहीं नहीं रुके। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि दबंगों की इस कार्रवाई का विरोध करने पर सुमन देबनाथ की 58 साल की मां प्रतिवा देबनाथ को पेड़ से बांध दिया गया। यही नहीं प्रतिवा देबनाथ की पोती और एक स्कूल टीजर को भी चोट पहुंचाई गई है। 

बाद में स्थानीय लोगों ने किसी तरह इन सभी को बचाया। प्रतिवा देबनाथ का कहना है, ‘सुल्तान फाकिर ने मुझे पेड से बांध दिया। उसने हमारी 16 डेसीमल जमीन पर मेरी आंखों के सामने अस्थायी ढांचा खड़ा कर दिया। मेरे सामने ही मेरी पोती सुवर्णा को पीटा गया।’ उन्होंने कहा कि मुझे न्याय चाहिए। 

अब इस मामले में नारायणपुर पुलिस स्टेशन में आरोपियो के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई है। उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ने 19 अप्रैल को नजरुल इस्लाम नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया था लेकिन रविवार को उसे जमानत दे दी गई। अब वह हिंदुओं को धमका रहा है। पीड़ित परिवार को कहना है कि उनकी जमीन के वापस मिलने की आस धूमिल होती जा रही है। 

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बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर इस मामले के गर्माने के बाद पुलिस को कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ा। लेकिन सुल्तान महमूद फाकिर ने जमीन हथियाने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है, जबकि इस मामले में कई चश्मदीद हैं। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने कभी भी इन लोगों से बात नहीं की। दबंगों ने कहा कि उन्होंने जमीन खरीदी है लेकिन वह अपने दावे के समर्थन में कोई भी कानूनी दस्तावेज नहीं पेश कर सके हैं। 

पिछले साल दिसंबर में बांग्लादेश नेशनल हिंदू महाजोत के महासचिव गोबिंद चंद्र प्रमाणिक ने कहा था कि 11 महीने में अल्पसंख्यकों के खिलाफ 1792 घटनाएं सामने आई थीं। दिसंबर तक बहुसंख्यक दंबगों ने हिंदुओं की 2734.81 एकड़ भूमि कब्जा ली है। हिंसा के करीब 8000 मामलों की जांच अभी शुरू होनी है। 

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