नई दिल्‍ली। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच लद्दाख में सोमवार की रात भारतीय सैनिकों की चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं। वहीं चीन के कम से कम 43 सैनिकों के मारे जानेन या गंभीर रूप से घायल हुए हैं।  लेकिन चीन ने लद्दाख में ही हिमाकत नहीं बल्कि उनसे अपने पड़ोसी देश ताइवान की सीमा में घुसने की कोशिश की।  लेकिन ताइवान की सेना ने चीनी लड़ाकू विमानों को खदेड़ दिया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक पिछले  एक हफ्ते  से चीन ने तीसरी बार ताइवान की सीमा में घुसने की कोशिश की।

ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक चीन के जे-10 लड़ाकू विमान ताइवान की वायु सीमा में घुसे थे और उन्हें ताइवान की सीमा क्षेत्र से बाहर जाने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन मक्कार चीनी वायुसेना के विमानों ने इस चेतावनी को नजरअंदाज किया। लेकिन उन्हें इसकी अनदेखी करना महंगा पड़ा गया है और ताइवान के  लड़ाकू विमानों ने चीन के लड़ाकू विमान को देश की सीमा से बाहर खदेड़ दिया। असल में चीन ताइवान को अपना देश मानता है और उस पर कब्जा की धमकी देता है। जबकि ताइवान एक लोकतांत्रिक देश है। वह अपने को चीन का हिस्सा नहीं मानता है। लिहाजा चीन हमेशा से ही ये कोशिश करता है कि वह ताइवान को दबाकर रखे।

ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक पिछले हफ्ते चीन के कई सुखोई 30 लड़ाकू विमान और अन्‍य फाइटर जेट ताइवान की वायुसीमा में घुसे थे। वहीं पिछले चीन का वाई-8 प्रोपेलर विमान भी ताइवान की सीमा में घुसा था। लेकिन ताइवान द्वारा चेतावनी दी जाने के बावजूद वह नहीं लौटा तो ताइवान के लड़ाकू विमानों ने उसे खदेड़ दिया था। गौरतलब है कि चीन हमेशा ये दावा करता है कि ताइवान उसका हिस्सा है। पिछले महीने चीन ने कहा था कि ताइवान को स्वतंत्र होने से रोकने का एकमात्र विकल्प उस पर हमला  करना है।