लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को दो बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बड़ी  राहत दी है। विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यता रद्द करने वाली कांग्रेस याचिका को खारिज कर उसे बड़ा झटका दिया है। जबकि कांग्रेस ने इन दोनों विधायकों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप लगाया था।  कांग्रेस की रायबरेली से विधायक अदिति  सिंह कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी हैं और अभी तक कांग्रेस उनके खिलाफा कार्यवाही नहीं कर सकी है। कुछ ऐसा ही हाल के दूसरे विधायक राकेश सिंह का है।

फिलहाल कांग्रेस के दोनों बागी विधायक राकेश सिंह और अदिति सिंह की सदस्यता बरकरार रहेगी। इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि कांग्रेस ने दोनों की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के यहां याचिका दाखिल की थी।  लेकिन अब विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने इस पर फैसला लेते हुए दोनों विधायकों के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया है। अदिति सिंह की भाजपा के साथ करीबी है और वह कांग्रेस आलाकमान और कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधई के खिलाफ कई बार बयान दे दे चुकी हैं। उसके बावजूद अभी तक कांग्रेस पार्टी ने उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है। 

दोनों बागी रायबरेली से विधायक

कांग्रेस के दोनों बागी विधायक सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से विधायक हैं। इन दोनों की सदस्यता को रद्द करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष के वहां याचिका दाखिल की थी। इस पर दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क उनके सामने रखे थे। इसके बाद अध्यक्ष ने दोनों याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा था। कांग्रेस विधायक राकेश सिंह रायबरेली की हरचंदपुर सीट से और अदिति सिंह रायबरेली सदर सीट से विधायक हैं।

 हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इन दोनों के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी याचिका दाखिल की थी। अपनी याचिका में कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अदिति सिंह और राकेश पार्टी विरोधी गतिविधियां लिप्त हैं। लिहाजा दोनों की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। वहीं विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस की याचिका रद्द करने के बाद कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा (मोना) ने कहा है कि वह विधानसभा अध्यक्ष  के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी।