नई दिल्ली- गरीब बच्चों और झुग्गी बस्ती के रहने वाले बच्चों की भुख और कुपोषण से हो रही मौत को लेकर दाखिल याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर 4 हप्ते में जवाब मांगा है। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि  वे संबंधित अन्य विभागों को भी पार्टी बनाएं। 

याचिका में, जो गरीब तबके के लोग हैं, जो खाने तक के मोहताज हैं, समाज के गरीब वर्ग के लोगों को प्रत्येक दिन समय से भोजन की पर्याप्त मात्रा और स्वच्छ पेयजल निःशुल्क मुहैया कराने के आदेश देने की मांग की गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि बस्ती में रहने वाले छोटे-छोटे बच्चों के परिवार में, जिनके पास अपना राशन कार्ड नहीं है, और इस प्रकार वे भुखमरी और कुपोषण का सामना कर रहे हैं उनको को उचित भोजन और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाए। 

याचिकाकर्ता के मुताबिक इस तरह के मामले लगातार देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में दिल्ली के मंडावली में  एक ही परिवार की तीन सगी बहनों की भुखमरी और कुपोषण के कारण मौत हो गई थी। मरने वाली बच्चियों की पहचान शिखा (8) मानसी (4) और 2 साल की पारुल के रूप में हुई थी। 

ऐसे ही झारखंड और उड़ीसा जैसे अन्य राज्यों में भी इस तरह के मामले देखने को मिले हैं, जैसा कि वर्ष 2017 में छोटी लड़की की मृत्यु हुई। लड़की की उम्र 11 साल थी। इसी प्रकार के मामले में 58 वर्षीय एक महिला का देहांत हो गया था। जबकि मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में अगस्त 2016 में 116 बच्चों की कुपोषण के कारण मौत हो गई थी।

(नई दिल्ली से गोपाल कृष्ण की रिपोर्ट)