नई दिल्ली। मुस्लिम मुल्क सूडान में कट्टर इस्लामिक शासन खत्म होने जा रहा है और यहां पर मुस्लिम महिलाओं का खतना नहीं होगा और मुस्लिम महिलाओं को कई तरह के अधिकार मिल गए हैं। वहीं गैर मुस्लिमों को भी कई अधिकार दिए गए हैं। हालांकि सूडान में महिलाओं के खतने को अपराध करार दिया गया था और अब इसके लिए कानून बना दिया गया। अगर कोई महिलाओं का खतना करते हुए पकड़ा जाएगा तो उसे तीन साल की सजा होगी।

सूडान में सरकार ने वहां की आधी आबादी को कई तरह की छूट देने का फैसला किया है। इसके साथ ही मुस्लिमों को भी छूट दी गई है। नए कानून के तहत गैर-मुस्लिम अब सूडान में शराब पी सकते हैं और उन्हें इसका अधिकार मिल गया है। जबकि अब इस्लाम त्यागने का अधिकार लोगों को मिल गया है। इसके साथ ही अब महिलाएं बिना पुरुष रिश्तेदारों के साथ सफर कर सकती हैं। जबकि पहले मुस्लिम महिलाओं को इसकी आजादी नहीं थी। देश के न्याय मंत्री नसरुद्दीन अब्दुलबरी का कहना है कि देश में ऐसे सभी कानून खत्म कर दिए गए हैं जिनसे मानवाधिकार का उल्लंघन होता है।

महिलाओं के खतने पर लगा बैन

सूडान में अब अब मुस्लिम महिलाओं के खतने पर प्रतिबंध लग गया है और अब इसे सूडान में अपराध करार दिया गया है। अब खतना किए जाने पर तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा महिलाओं को बिना किसी पुरुष रिश्तेदार के साथ सफर करने की इजाजत दी गई है। इसके साथ ही महिलाओं के लिए पहले सार्वजनिक तौर पर कैसे पहनना-ओढ़ना है और व्यवहार करना है, इसको लेकर बनाए गए नियमों को भी खत्म कर दिया गया है। 

गैर-मुस्लिमों भी मिले अधिकार

सूडान के नए कानून के तहत अब गैर मुस्लिमों को भी अधिकार दिए गए हैं। जबकि पहले गैर मुस्लिमों के लिए अधिकार नहीं थे। नए कानून के तहत गैर-मुस्लिमों को शराब पीने की इजाजत होगी। लेकिन मुस्लिमों पर शराब पीने पर प्रतिबंध जारी रहेगा।