फिलहाल भाजपा इस सीट के जरिए क्षेत्रीय व जातीय समीकरण को साधना चाहता है। क्योंकि राज्य में 2022 को विधानसभा चुनाव भी है। वहीं इस सीट को जीतने वाले प्रत्याशी का कार्यकाल 2022 तक रहेगा।
नई दिल्ली। राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की ताकत और कम होगी। राज्यसभा में बेनी प्रसाद वर्मा के निधन के बाद उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की एक खाली सीट के लिए 24 अगस्त को उपचुनाव होने हैं और इमसें भाजपा ने दावेदारों के नाम पर मंथन शुरू कर दिया है। फिलहाल ये सीट भाजपा के खाते में जाना तय है। वहीं माना जा रहा है कि भाजपा बाह्मण या क्षत्रिय वर्ग से किसी को राज्यसभा में भेजेगी।
राज्य में समाजवादी पार्टी के नेता बेनी प्रसाद वर्मा के निधन से राज्य सभा की सीट खाली हुई है और भाजपा के विधायकों की संख्या बल को देखते हुए ये सीट उसके खाते में जाना तय। वहीं इस सेफ सीट के लिए एक दर्जन लोग दावेदार हैं। हालांकि इन तीन नामों पर तेजी से चर्चा हो रही है। जिसमें राज्य के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का भी नाम शामिल है।
फिलहाल भाजपा इस सीट के जरिए क्षेत्रीय व जातीय समीकरण को साधना चाहता है। क्योंकि राज्य में 2022 को विधानसभा चुनाव भी है। वहीं इस सीट को जीतने वाले प्रत्याशी का कार्यकाल 2022 तक रहेगा। फिलहाल इस सीट के लिए नामांकन की तारीख छह अगस्त से शुरू हो गई है और आखिरी तिथि 13 अगस्त है। लिहाजा माना जा रहा है कि सोमवार तक भाजपा प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगा सकती है।
इन नामों पर हो रही है चर्चा
राज्य में भाजपा में इस सीट के लिए करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग कतार में हैं। वहीं भाजपा समाजवादी पार्टी से पार्टी में आए नरेश अग्रवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी और पार्टी के प्रदेश महामंत्री सलिल विश्नोई का नाम तेजी से सामने आ रहा है। ये भी हो सकता है कि कर्नाटक की तर्ज पर भाजपा स्थानीय कार्यकर्ता को टिकट दे। लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा बाह्मण या क्षत्रिय वर्ग से किसी को टिकट दे सकती है।
Last Updated Aug 8, 2020, 12:03 PM IST