नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से सांसद आजम खान पर सबसे बड़ी मुसीबत आ गई है। इस बार योगी सरकार और रामपुर जिला प्रशासन की नहीं बल्कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आजम खान के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश दिया है। जाहिर है यहां से आजम खान का निकलना आसान नहीं है। आजम खान के लिए ये बड़ी मुसीबत इसलिए भी है क्योंकि एनजीटी ने आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर विश्वविद्यालय को लेकर अपना आदेश दिया है।

असल में आजम खान ने जौहर विश्वविद्यालय के लिए कोसी नदी के किनारे की जमीन पर कब्जा किया है। ये जमीन किसानों की है। जिसको लेकर किसानों ने आजम खान पर केस भी दर्ज किया है। लेकिन आजम खान इसे किसानों का आरोप बताकर योगी सरकार द्वारा बदले की कार्यवाही बता रहे हैं। लेकिन अब एनजीटी ने साफ  कर दिया है कि कोसी नहीं पर कब्जा किया गया है।

लिहाजा वहां से अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए। क्योंकि कोसी गंगा की सहयोगी नही है और ये क्षेत्र बाढ़ क्षेत्र में आता है। लिहाजा एनजीटी ने कोसी नदी पर अतिक्रमण के लिए सांसद आजम खां के मोहम्मद जौहर अली विश्वविद्यालय के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। लिहाजा एनजीटी अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई कर सकता है।

इस मामले में एनजीटी में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 13 अगस्त, 2019 को एक रिपोर्ट दायर की गई है कि ट्रस्ट ने कोसी नदी के किनारे की भूमि को अवैध रूप से हड़प लिया। हालांकि इस मामले में मुरादाबाद कमीशनर के वहां अपील लंबित है। बोर्ड ने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और पट्टे को रद करने की कार्यवाही चल रही है।

गौरतलब है कि जौहर विश्वविद्यालय आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट है और इसके लिए पूर्व की सपा सरकार ने कई नियमों को ताक में रखकर जौहर विश्वविद्यालय को अनुमति दी थी। लेकिन राज्य में योगी सरकार आने के बाद रामपुर में ही लोग इसका विरोध करने लगे। रामपुर के अजीमनगर थाने में कई किसानों ने आजम खान के खिलाफ जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है।