असल में मुजफ्फरनगर से बीजेपी प्रत्याशी संजीव बालियान ने पहले चरण में बुर्के की आड़ में फर्जी मतदान की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। हालांकि उस वक्त कई राजनैतिक दलों ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि इस मुद्दे के जरिए वह ध्रुवीकरण करना चाहती है। लेकिन अब चुनाव आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस पर अपने नए आदेश जारी किए हैं।
चुनाव आयोग ने छठे चरण और सातवें चरण के मतदान के लिए मतदाताओं की पहचान के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। आयोग ने इन दो चरणों में बुर्के में मतदान करने आई महिलाओं की पहचान सुनिश्चित करने के महिला पुलिसकर्मी और अफसर की तैनाती का आदेश राज्य सरकारों को दिया है।
असल में मुजफ्फरनगर से बीजेपी प्रत्याशी संजीव बालियान ने पहले चरण में बुर्के की आड़ में फर्जी मतदान की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। हालांकि उस वक्त कई राजनैतिक दलों ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि इस मुद्दे के जरिए वह ध्रुवीकरण करना चाहती है। लेकिन अब चुनाव आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इस पर अपने नए आदेश जारी किए हैं।
गौरतलब है कि बुर्के में ढकी रहने वाली महिलाओं की पहचान करना आसान नहीं है। क्योंकि कोई भी पुरूष पुलिसकर्मी बुर्कानशीं महिला से उसके चेहरे की पहचान के लिए नहीं कर सकता है। लिहाजा अब चुनाव आयोग ने राज्यों को सख्त निर्देश दिए हैं कि बुर्के में आने वाली महिलाओं की पहचान के लिए मतदान केन्द्रों में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाए। ताकि फर्जी वोटिंग को रोका जा सके।
इसके लिए आयोग ने छठे और सातवें चरण के लिए जिन सीटों पर मतदान हो रहा है, वहां के जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए है। गौरतलब है कि आज देश के सात राज्यों की 59 सीटों पर मतदान हो रहा है जबकि सातवें और अंतिम चरण में 8 राज्यों की 59 सीटों पर मतदान होना है। आयोग ने दिशा-निर्देशों में साफ कहा है कि वोट डालने आने वाली मतदाता की पहचान जरूरी है।
लिहाजा पर्दानशीं महिला वोटरों की पहचान के लिए वहां पर महिला पुलिस कॉन्स्टेबल के साथ ही उच्च स्तर की महिला अफसर को तैनात किया जाए। ताकि इन महिलाओं की पहचान हो सके। आयोग ने ये भी आदेश दिया है कि इस बात का ख्याल रखा जाए कि किसी की भी धार्मिक भावनाएं आहत न हो। हालांकि चुनाव आयोग ने इस मामले में देर से कदम उठाया, लेकिन ये कदम आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा।
Last Updated May 12, 2019, 9:49 AM IST