अजीत डोभाल को कैबिनेट रैंक देते हुए पांच साल के लिए फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बना दिया गया है। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की शुरुआत में आईबी के पूर्व प्रमुख डोभाल को एनएसए की जिम्मेदारी दी गई थी। राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए डोभाल को यह रैंक दिया गया है। उन्होंने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्हें कैबिनेट रैंक दिए जाने की घोषणा हुई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में अजीत डोभाल को पीएम मोदी का सबसे विश्वस्त अधिकारी माना जाता है। ऐसी अटकलें थीं कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें एनएसए न बनाया जाए लेकिन सरकार ने 2024 तक उनको नियुक्ति देकर सारी अटकलों को विराम दे दिया है। 

यह भी माना जा रहा है कि खुफिया ब्यूरो के नए प्रमुख और रॉ चीफ पर जल्द फैसला हो जाएगा। इन दोनों खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों को दिया गया सेवा विस्तार समाप्त होने वाला है। उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहते देश को आतंरिक और बाहरी सुरक्षा के मामले में जबरदस्त सफलता मिली है। जम्मू-कश्मीर में सभी प्रमुख आतंकी संगठनों के सरगना मारे जा चुके हैं। वहीं पिछले पांच साल के दौरान सरकार ज्यादातर बड़े शहरों में किसी भी आतंकी हमले को रोकने में सफल रही है। 

फरवरी में पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक अजीत डोभाल की निगरानी में ही हुई थी। सितंबर 2016 में पाक अधिकृत कश्मीर में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे भी अजीत डोभाल की ही रणनीति थी। अजीत डोभाल की गिनती देश के सबसे ताकतवार नौकरशाहों में होती है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें एनएसए के अलावा रणनीतिक नीति समूह (स्ट्रैटिजिक पॉलिसी ग्रुप, एसपीजी) का सचिव भी बना दिया गया था।

1968 केरल बैच के आईपीएस अफसर अजीत डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल बाद साल 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो से जुड़ गए थे। अजीत डोभाल ने ज्यादातर समय खुफिया विभाग में ही काम किया। वह साल 2005 में आईबी प्रमुख के पद से रिटायर हुए। 30 मई, 2014 को अजीत डोभाल को देश के 5वां एनएसए बनाया गया। 

पीके मिश्रा हो सकते हैं पीएम के नए प्रिंसिपल सेक्रेटरी

सूत्रों के अनुसार पीके मिश्रा को पीएम मोदी का अगला प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाया जा सकता है। वह अभी अतिरिक्त प्रिंसिपल सेक्रेटरी हैं। मौजूदा प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा पर जल्द ही कोई फैसला लिया जा सकता है। सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय जल्द ही कैबिनेट सचिव और गृह सचिव को लेकर कोई फैसला ले सकता है। संभावना है कि गृह सचिव राजीव गौबा को नया कैबिनेट सचिव बनाया जा सकता है। नए गृह सचिव के लिए पांच अधिकारियों की सूची भी सौंपी जा चुकी है। इस संबंध में जल्द ही कोई फैसला लिया जा सकता है।