आईपीएस अफसर एबी वेंकटेश्वर राव को पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू का करीबी अफसर माना जाता था। वह टीडीपी सरकार के दौरान राज्य में इंटेलीजेंस विभाग के डीजी हुआ करते थे। लेकिन राज्य में जगन मोहन रेड्डी सरकार के सत्ता में आने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था और पिछले एक साल से वह वेटिंग में थे।
अमरावती। आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार ने चंद्रबाबू नायडू के करीबी माने जाने वाले आईपीएस अफसर को देशद्रोह के आरोप में निलंबित किया है। रेड्डी सरकार का कहना है कि निलंबित होने वाले 1988 बैच के आईपीएस अफसर ने देश को नुकसान पहुंचाने वाले सूचना को लीक किया।
आईपीएस अफसर एबी वेंकटेश्वर राव को पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू का करीबी अफसर माना जाता था। वह टीडीपी सरकार के दौरान राज्य में इंटेलीजेंस विभाग के डीजी हुआ करते थे। लेकिन राज्य में जगन मोहन रेड्डी सरकार के सत्ता में आने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था और पिछले एक साल से वह वेटिंग में थे। उनको निलंबित करने के लिए राज्य सरकार के तर्क हैं कि उन्होंने कई खुफिया जानकारियों को लीक किया है।
मुख्य सचिव नीलम साहनी ने पुलिस महानिदेशक (पुलिस बल) गौतम सवांग द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर निलंबन के आदेश जारी किए हैं। राव 1989 बैच के हैं और जगनमोहन रेड्डी सरकार द्वारा पिछले साल 30 मई को पद संभालने के बाद उन्हें इंटेलिजेंस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था। राज्य सरकार का कहना है कि राव ने विदेशी रक्षा निर्माण फर्म को खुफिया प्रोटोकॉल और पुलिस की प्रक्रियाओं की जानकारी दी है। जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है। क्योंकि भारतीय पुलिस बल में खुफिया प्रोटोकॉल के अपने मानक हैं।
राज्य सरकार का ये भी कहना है कि राव ने अपने बेटे चेतन साई कृष्णा को अहम जानकारियां दी थी।गौरतलब है कि राज्य की सत्ता पर काबिज होने के बाद जगन मोहन रेड्ड़ी ने चंद्रबाबू नायडू के करीबी माने जाने वाले अफसरों को निलंबित किया है। वहीं राज्य में नायडू सरकार के पूर्व फैसलों की जांच शुरू हुई है। इसमें सबसे अहम अमरावती में जमीन घोटाला भी शामिल है। जिसकी जांच ईडी और सीआईडी कर रही है।
Last Updated Feb 9, 2020, 9:46 PM IST