नई दिल्ली। नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के आज इस्तीफा देने देने की चर्चा है और इसके कारण नेपाल में अचानक सियासी पारा तेज हो गया है। वहीं ओली के धुरविरोधी माने जाने वाले पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल ने अपने समर्थकों के साथ अहम बैठक की है और वह ओली के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं। पार्टी के भीतर अलग थलक पड़े चुके हैं ओली के पास पार्टी के 44 सदस्यों में 15 का ही समर्थन है। वहीं इसी बीच ओली आज दोपहर अचानक राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे। 

वहीं नेपाल में चर्चा है कि ओली आज देश को संबोधित करेंगे और अपनी बात रख वह इस्तीफा देंगे। लेकिन अभी तक किसी  ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि ओली आज इस्तीफा दे रहे हैं। लेकिन देश में मौजूदा हालत को देखते हुए उनका राष्ट्रपित से मिलने इसी बात की तरफ इशारा कर रहा है। वहीं पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड के निवास पर उनके समर्थकों की भी बैठकों का दौर चल रहा है। 

फिलहाल नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली जनता के साथ ही पार्टी का भी विश्वास खो चुके हैं। पार्टी के ज्यादातर सदस्य ओली के खिलाफ हैं और उन पर आरोप लगा रहे हैं कि वह चीन के इशारे पर फैसला कर रहे हैं। खास तौर से वह चीन के इशारे पर भारत से संबंधों को खत्म करने पर तुले हैं। जबकि भारत के साथ नेपाल का सदियओं का रिश्ता है।  वहीं देश में कोरोना, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों पर जनता में सरकार के खिलाफ नाराजगी है। ऐसे में पार्टी का मानना है कि ओली के कारण पार्टी की स्थिति देश में खराब हो रही है। लिहाजा पार्टी में दहल समर्थक पहले ही ओली से इस्तीफा मांग कर दबाव बना रहे हैं। 

लेकिन देश में चल रहे सियासी हलचल के बीच आज ओली राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे। वहीं इससे पहले उन्होंने अपने आवास पर करीबी नेताओं और मंत्रियों के साथ बैठक की। जिसके बाद से ही इस बात के कयास लगने शुरू हो गए कि ओली इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि ये भी कहा जा है कि ओली इस्तीफा देने से पहले देश को संबोधित करेंगे।वहीं नेपाल में इस बात की भी चर्चा है कि ओली संसद के मौजूदा सत्र को खत्म करने का प्रस्ताव भी रख सकते हैं।

क्योंकि अगर ओली इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन पर इस्तीफे का दबाव बढ़ सकता है। उधर सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे अध्यक्ष पुष्प कमल दहल के निवास पर हुई बैठक में महासचिव बिष्णु पोडेल, उप प्रधान मंत्री ईशोर पोखरेल, विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली, शंकर पोखरेल, प्रधान मंत्री ओली के मुख्य सलाहकार बिष्णु रिमल और उप संसदीय दल के नेता सुभाष नेमबांग समेत कई नेताओं ने हिस्सा लिया।