नई दिल्ली। नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं। जहां पीएम ओली पर पीएम के पद को छोड़ने के दबाव है जबकि चीन की साजिश का शिकार हो सके ओली वह रोज नई साजिशें कर अपनी कुर्सी बचाने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के सह-अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच रविवार को हुई बैठक बेनतीजा रही है। लिहाजा इस मुद्दे पर सोमवार सुबह अगले दौर की बातचीत दोनों नेताओं के बीच हो सकती है।

रविवार को ओली ने एक बार फिर नया दांव खेला। ओली ने कहा कि उन्हें औऱ राष्ट्रपति को हटाने की साजिशें हो रही है। जबकि रविार को पुष्प कमल दल शीतल निवास में राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के साथ बैठक करने के बाद पीएम ओली के आधिकारिक निवास पर पहुंचे। फिलहाल सत्ताधारी एनसीपी में ओली और प्रचंड के बीच विवाद खत्म नहीं रहा है। ओली को 30 जून को हुई स्थायी समिति की बैठक के बाद आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और 18 में 17 सदस्य ओली से इस्तीफा चाहते हैं। लेकिन ओली इस्तीफा देने के पक्ष में नहीं हैं।

असल में देश में चल रहे मौजूदा माहौल में बहुत सारे मुद्दों का समाधान करने में विफल रहने के बाद पार्टी के बाहर और भीतर ओली को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। ओली ने पिछले दिनों कहा कि भारत उन्हें पद से हटाने की कोशिश कर रहा है। जबकि इसके लिए उन्होंने कोई सबूत पेश नहीं किया। इस बात को लेकर दहल ने ओली से साफ कहा कि वह भारत के साथ नेपाल के रिश्तों को खत्म न करें।

फिलहाल ओली ने कहा कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी गंभीर संकट का सामना कर रही है। हालांकि ओली के बारे में कहा जा रहा है कि वह सत्ता में बने रहने के लिए पार्टी में विभाजन कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो नेपाल में संवैधानिक संकट आ जाएगा। अपने आवास पर हुई कैबिनेट की बैठक में ओली ने कहा कि पार्टी के कुछ सदस्य राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और उन्हें पद से हटाना चाहते हैं। वहीं नेपाल में चर्चा है कि राष्ट्रपति ओली को बचा रही हैं।