श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आज नई सुबह की पहली ईद मनाई जा रही है। इसके लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। राज्य में हालांकि चप्पे चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात है। लेकिन आतंकियों के हमले का खौफ जरूर देखा जा रहा है। केन्द्र सरकार ने लोगों को दिक्कत न हो इसके लिए सभी तरह के इंतजाम किए हुए हैं।

राज्य में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद  बकरीद है। फिलहाल अभी तक राज्य में किसी भी तरह की अप्रिय घटना की खबर नहीं है। बकरीद के मौके पर आज राज्य के विभिन्न हिस्सों में मस्जिदों में नमाज अदा की गई और लोगों ने एक दूसरे को ईद की बधाई दी।

केन्द्र सरकार राज्य के पूरे हालत पर नजर बनाए हुए है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल राज्य में रहकर हालात का जायजा ले रहे हैं। राज्य में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद माहौल तेजी से सामान्य हो रहा है। बकरीद के त्योहार में जनता को किसी चीज की कमी न हो।

इसके लिए केन्द्र सरकार की तरफ कई तरह के इंतजाम किए गए थे। रविवार को प्रशासन की मदद से वैन के जरिए लोगों को जरूरी सामान घरों तक पहुंचाया गया था। लोगों को जो भी जरूरत है उसे प्रशासन मुहैया करा रहा है। लोगों की अपने रिश्तेदारों से बातचीत करने के लिए मोबाइल फोन बूथ स्थापित किए गए थे। वहीं बैंक, एटीएम और कई बाजार रविवार को भी खुले रहे। अभी तक ईद के मौके पर घाटी में हिंसा की कोई खबर नहीं है।

श्रीनगर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी के मुताबिक  हालात शांतिपूर्ण हैं। श्रीनगर में छह मंडियां और बाजार बनाए गए हैं, जहां कुर्बानी के लिए 2.5 लाख भेड़ें लाई गई हैं। वहीं रसोई गैस सिलिंडर, मुर्गियां, अंडे और सब्जियों की आपूर्ति के लिए घर-घर मोबाइल वैन जा रहे हैं।

राज्य के हर जिले में राशन घाट बनाए गए हैं। कश्मीर संभाग में 3,557 राशन घाटों लोगों को खाद्य उत्पाद मुहैया कराए गए हैं। बकरीद के मद्देनजर कर्मचारियों को वेतन और मजदूरों की दिहाड़ी पहले ही दी जा चुकी है।

आज राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बकरीद की मुबारकबाद देते हुए उनकी भलाई और समृद्धि की कामना की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में शांति, प्रगति और समृद्धि की कामना की। वहीं बकरीद से पहले राजोरी और किश्तवाड़ में प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील दी। इस दौरान बाजार खुले रहे और यहां जमकर खरीदारी हुई।