उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक माने जाते हैं। पूरे देश में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बाद अगर किसी नेता की डिमांड रैलियों में होती है तो वह योगी ही हैं। योगी की उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री बनने के बाद तो डिमांड बढ़ गयी है। लोकसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ ने 9 राज्यों की 30 संसदीय सीटों पर रैलियां की और इसमें से 23 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है।

योगी आदित्यनाथ अपने आक्रामक भाषणों के लिए जाने जाते हैं। उत्तर प्रदेश में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान योगी ने कई बड़े विवादित बयान दिए थे। जिसकी आलोचना तो हुई लेकिन बीजेपी वोटों का धुव्रीकरण करने में सफल हुई। इसका फायदा योगी को हुआ। क्योंकि कई दावेदारों के बावजूद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने योगी को यूपी की कमान सौंपी।

पिछले साल दिसंबर में तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान और उससे पहले कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में भी योगी की जबरदस्त डिमांड रही। यही नहीं त्रिपुरा में भी हुए विधानसभा चुनाव में वहां पर रैलियां की और पार्टी को वहां पर जीत मिली। हालांकि तीन राज्यों में बीजेपी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पायी, लेकिन योगी के बयान काफी विवादित हुए और जिन सीटों पर योगी ने रैलियां की वहां पर बीजेपी को जीत मिली।

एक बार फिर योगी बीजेपी के लिए यूपी और अन्य राज्यों में संकटमोचक साबित हुए हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव में 9 राज्यों में 30 संसदीय क्षेत्रों में चुनावी रैलियां की और इसमें से बीजेपी ने 23 सीटें जीती। आमतौर पर योगी के भाषण सुनने के लिए भीड़ उमड़ती है। योगी को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने वहां पर हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति नहीं दी तो योगी पुरूलिया में कार के जरिए गए।

जबकि पश्चिम बंगाल के लिए अन्य रैली को अनुमति न मिलने के बाद योगी ने मोबाइल के जरिए जनता को संबोधित किया। योगी ने पश्चिम बंगाल में ममता सरकार को मुस्लिम तुष्टीकरण के मुद्दे पर घेरा। जिसका फायदा बीजेपी को सीधे तौर पर मिला। योगी ने पहली चुनावी रैली पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में की और उसके बाद उन्होंने बिहार के पश्चिमी चंपारण, मोतिहारी, मधुबनी, छपरा सीटों पर जाकर जनसभा की। जहां पर बीजेपी को जीत मिली है।