लखनऊ। पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में रामपुर में आजम खान की बादशाहत कायम थी।  रामपुर के नबाव परिवार से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले आजम खान को रामपुर का असली नवाब माना जाता था।  रामपुर में आजम के आदेश के बगैर पत्ता नहीं हिलता था। लखनऊ में सीएम अखिलेश यादव का जनता दरबार लगता था तो रामपुर में उसी के समकक्ष  आजम का भी दरबार लगता था। लेकिन वक्त  ने पलटी मारी अब आजम जेल में हैं और कोर्ट में जमानत के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं। कभी शासन और प्रशासन के साथ कोर्ट न कुछ नहीं समझने वाले आजम अब कोर्ट में आम गुनाहगारों की तरह कोर्ट के सामने खड़े रहते हैं।

सीतापुर के जेल में बंद समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान को जमानत चाहिए और  उन्होंने मुरादाबाद की कोर्ट में 12 साल पुराने मामले में बेटे संग जमानत की याचन की है।  आजम के तर्क हैं कि वह उम्र दराज हैं और उन्हें जमानत  मिलनी चाहिए। असल में रामपुर में आजम खान भूमाफिया घोषित किए जा चुके हैं।  उन्होंने सपा सरकार में रहते हुए रामपुर में कई जमीनों पर कब्जा किया। वहीं जौहर विश्वविद्यालय के लिए आजम खान ने किसानों की जमीनों पर कब्जा किया। हालांकि योगी सरकार के आने के बाद किसानों की कब्जाई जमीन पर उन्हें वापस अपना कब्जा मिल गया है। फिलहाल सीतापुर जेल में आजम खान और उनका पूरा परिवार बंद है। उन पर जमीन कब्जाने से लेकर बेटे का फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का मुकदमा कायम है। वहीं उनके बेटे की विधायकी भी जा चुकी है।  सियासी तौर पर आजम खान कमजोर पड़ गए हैं।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं दे रहे हैं तवज्जो

समाजवादी पार्टी में आजम खान अकेले पड़ गए हैं।  पार्टी उनका साथ नहीं दे रही है। क्योंकि अखिलेश सरकार में आजम खान सीएम अखिलेश को भी कुछ नहीं समझते थे। लिहाजा माना जा रहा है कि अखिलेश यादव आजम के पक्ष में कुछ नहीं बोल रहे हैं।