नई दिल्ली। आज जम्मू कश्मीर में एक बदलाव की सुबह हो गयी है। अब केन्द्र शासित राज्य बनने की तरफ अग्रसर जम्मू कश्मीर में अब देश का कानून लागू होगा और विकास के जरिए राज्य की तस्वीर बदेलीग। राज्य में देश का झंडा और संविधान लागू हो जाएगा।

आज केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह इसे लोकसभा में इसके लिए बिल पेश करेंगे जहां ये भारी मतों से पारित हो जाएगा। इसके बाद एक देश में दो संविधान इतिहास बन जाएगा। सोमवार को केन्द्र सरकार ने राज्यसभा में इस बिल को पारित करा लिया है।

कांग्रेस और कुछ दलों को छोड़कर ज्यादातर दलों ने इसका समर्थन किया। जिसके कारण ये सदन में भारी मतों से पारित हो गया। आज इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा। जहां बहुमत होने के कारण ये आसानी से पास हो जाएगा।

जम्मू कश्मीर के लिए पेश किए गए राज्य पुनगर्ठन बिल के जरिए राज्य को दो हिस्सों में बांट दिया गया है और इन दोनों हिस्सों को केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा भी दिया जाएगा। हालांकि जम्मू कश्मीर को विधायिका शक्ति वाला तो लद्दाख को बिना विधायिका शक्ति वाला केंद्रशासित प्रदेश बनाने का प्रस्ताव है।

सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370(1) में निहित शक्तियों का उपयोग करते हुए इस अनुच्छेद के अन्य सभी खंडों को निरस्त करने का संकल्प पेश किया था। हालांकि कांग्रेस और कुछ दलों ने इसका विरोध किया। लेकिन सरकार ने इसे भारी मतों से पारित करा लिया। इस बिल के समर्थन में 125 मत पड़े जबकि विपक्ष में महज 61 मत पड़े थे। 

अब राज्य के केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद कानून व्यवस्था, सेवा, भूमि सहित कई अन्य अधिकार केंद्र के पास होंगे। दिल्ली की तरह जम्मू कश्मीर में भी उपराज्यपाल की भूमिका अहम होगी। या यूं कहें कि परोक्ष तौर से केन्द्र सरकार यहां पर अपनी सरकार चलाएगी। राज्य में चुनी गयी सरकार अपनी मनमानी नहीं कर पाएगी।

राज्यसभा में मिला विपक्ष का साथ
राज्य पुनगर्ठन बिल पर केन्द्र सरकार को बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, बसपा और आम आदमी पार्टी का मिला। हालांकि राजग की सहयोगी जदयू ने केन्द्र सरकार समर्थन नहीं किया। जबकि कांग्रेस, डीएमके और सपा इसके लिए पहले से विरोध कर रहे थे।