अगर आंकड़ों को देखें तो पिछले छह महीनों में थोक बाजार में ब्याज की कीमतों में दस गुने से ज्यादा का इजाफा हुआ है। हालांकि बारिश और खराब मौसम का असर प्याज की कीमतों पर सबसे ज्यादा पड़ा है। हालांकि महंगे प्याज के कारण जमाखोरी को खारिज नहीं किया जा सकता है। जबकि सरकार ने प्याज के लिए स्टॉक लिमिट लगाई है। लेकिन पिछले दिनों एजेंसियों के छापे में कई क्विंटल प्याज पकड़ा गया था। लेकिन वर्तमान में छापेमारी नहीं चल रही है।
नासिक। प्याज की कीमतों में लगातार इजाफा होता जा रहा है। सरकार के लाख जतन के बावजूद प्याज की कीमतों में कमी नहीं रही। सरकार प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए विदेशों से प्याज का आयात कर रही और लेकिन आम जनता को राहत नहीं मिल रही है। देश के सभी राज्यों में प्याज की कीमत 100 से 120 रुपये है। वहीं थोक बाजार में भी इसमें जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। नासिक में थोक बाजार में प्याज की कीमत 11000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई हैं। हालांकि सरकारी एजेंसियों प्याज की जमाखोरी की आशंका को खारिज नहीं कर रहे हैं।
अगर आंकड़ों को देखें तो पिछले छह महीनों में थोक बाजार में ब्याज की कीमतों में दस गुने से ज्यादा का इजाफा हुआ है। हालांकि बारिश और खराब मौसम का असर प्याज की कीमतों पर सबसे ज्यादा पड़ा है। हालांकि महंगे प्याज के कारण जमाखोरी को खारिज नहीं किया जा सकता है। जबकि सरकार ने प्याज के लिए स्टॉक लिमिट लगाई है। लेकिन पिछले दिनों एजेंसियों के छापे में कई क्विंटल प्याज पकड़ा गया था। लेकिन वर्तमान में छापेमारी नहीं चल रही है।
जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में कलवान कृषि उत्पाद विपणन समिति में प्याज की नीलामी 11 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई। लिहाजा इस आधार पर देखें तो प्याज की खुदरा बाजार में कीमत आने वाले दिनों में और बढ़ेगी। आंकड़ों के मुताबिक प्याज की बाजार में उच्चतम बोली पिछले महीने नौ हजार रुपये प्रति क्विंटल था। हाल ही में सरकार ने मिस्र और तुर्की से प्याज का आयात करने का फैसला किया है। लेकिन माना जा रहा है कि इस प्याज को देश में पहुंचने में समय लगेगा।
उधर जानकारी के मुताबिक केन्द्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने प्याज की कीमतों में लगाम लगाने के लिए सचिवों की समिति की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने प्याज उत्पादक राज्यों के मुख्य सचिव के साथ प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग से बाचतीच की। इस बैठक में महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्य सचिवों ने भाग लिया।
Last Updated Dec 3, 2019, 9:53 AM IST