उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने उनका साथ छोड़ दिया है। पार्टी ने राज्य की 25 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। हालांकि अभी तक पार्टी अध्यक्ष ओपी राजभर ने सरकार छोड़ने के फैसला ही किया है। हालांकि बीजेपी के प्रबंधन राजभर को मनाने की कोशिश कर रहे हैं।

ओपी राजभर राज्य में लोकसभा चुनाव में सीट न मिलने से बीजेपी से नाराज चल रहा हैं और पिछले दिनों उनकी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और राज्य प्रभारी जेपी नड्डा से मुलाकात भी हो चुकी है। लेकिन बीजेपी ने उन्हें उनकी मांग के अनुरूप कोई सीट नहीं दी है। हालांकि दो दिन पहले पार्टी ने उन्हें घोसी सीट का आफर दिया था, लेकिन राजभर ने उसे नकार दिया था। राजभर दो सीटें मांग रही थी, लेकिन बीजेपी उन्हें एक ही सीट देने के लिए तैयार थी।

हालांकि बीजेपी की शर्त ये भी थी कि सुभासपा का जो भी प्रत्याशी चुनाव लड़े वह बीजेपी के ही सिंबल पर लड़े। लेकिन राजभर इसके लिए तैयार नहीं थे। फिलहाल राजभर ने राज्य की 25 सीटों पर अपनी पार्टी के सिंबल पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी की है। बीजेपी के रणनीतिकार उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि कोई बीच का रास्ता निकाला जा सके। शनिवार रात को ही राजभर सरकार से इस्तीफा देने के लिए मुख्यमंत्री आवास गए थे, लेकिन उन्हें सीएम से मिलने नहीं दिया गया।
फिलहाल राजभर ने साफ नहीं किया है कि वह कैबिनेट मंत्री बने रहेंगे या फिर वह सरकार से भी इस्तीफा देंगे। असल में राजभर पिछले दो साल सरकार से नाराज चल रहे हैं। उनकी शिकायत है कि बीजेपी सरकार में उनकी नहीं सुनी जा रही है और बीजेपी भी उन्हें सम्मान नहीं दे रही है। गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सुभासपा के चुनावी गठबंधन किया था और उन्हें चार सीटें मिली थी और सरकार में उन्हें शामिल कर मंत्रिंडल में जगह दी थी।

उधर ओपी राजभर ने कहा पूर्ण शराबबन्दी, गरीबों के लिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था और पूर्वाचल राज्य की स्थापना ही उनका चुनावी मुद्दा होगा और वह अगले दो दिनों में उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे। लेकिन बीजेपी की तरफ से उन्हें मनाने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत उनके बेटे को विधान परिषद का सदस्य आने वाले दिनों में नियुक्त किया जा सकता है।