नई दिल्ली। राजस्थान में सियासी तापमान तेज से बढ़ गया है क्योंकि राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के 24 विधायक मानेसर के एक होटल में रुके हुए हैं। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री गहलोत भाजपा पर आरोप लगा चुके हैं कि वह उनकी सरकार गिराने की साजिश कर रही है। लेकिन इसी बीच 24 विधायकों के हरियाणा के भाजपा शासित हरियाणा के होटल में रूकने के बाद राज्य सरकार सियासी हलचल शुरू हो गई है। वहीं चर्चाओं का दौर गर्म है। ये भी कहा जा रहा है कि मानेसर में टिक विधायकों ने अपने मोबाइल को बंद किया हुआ है।

असल में मार्च के महीने में मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद राज्य में कमलनाथ सरकार गिर गई थी। वहीं सिंधिया और राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अच्छे दोस्त हैं। जबकि राज्य की सियासत में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। लिहाजा अब राज्य में सियासत गर्मा गई है।

वहीं कहा जा रहा है कि सचिन पायलट दिल्ली में डेले हुए हैं और उसके करीब 24 विधायकों का दिल्ली से सटे हरियाणा के मानेसर में ठहरे हुए हैं। वहीं राज्य में चल रहे कोरोना संकट के बीच राजस्थान में अचानक राजनैतिक हलचल तेज हो चुकी है। मानसेर में ठहरे विधायकों से संपर्क किया जा रहा है। हालांकि कांग्रेस डरी हुई है क्योंकि ये करीब-करीब वैसा ही माहौल है जो 4 महीने पहले मध्य प्रदेश में था। तब सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर कमलनाथ सरकार को गिरा दिया था।

लिहाजा राज्य के सीएम अशोक गहलोत की धड़कनों का बढ़ना लाजिमी है। उन्हें लग रहे हैं कि राज्य में कांग्रेस का हाल मध्य प्रदेश की तरह न हो जाए। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के विधायकों के बगावत करने के बाद  उन्हें गुड़गांव और बाद में बेंगलुरू के होटल में ठहराया गया था। वहीं कहा जा रहा है  कि उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट दिल्ली में तीन दिनों से डेरा डाले हुए हैं।  ये भी कहा जा रहा कि सभी विधायकों के मोबाइल बंद किए हैं। इसके कारण पार्टी के नेता उनसे बात नहीं कर पा रहे हैं।

सचिन पायलट और गहलोत के बीच छत्तीस का आंकडा

दिसंबर 2018 को हुए पांच राज्यों में चुनाव में जहां मध्य प्रदेश ज्योतिरादित्य सिंधिया सीएम के पद के दावेदार थे वहीं सचिन पायलट को सीएम को राज्य का सीएम माना जा रहा था। लेकिन इन दोनों नेताओं की दावेदारी कर मध्य प्रदेश में  कमलनाथ और राजस्थान में गहलोत को जिम्मेदारी दे दी गई थी। जिसके बाद दोनों नेता नाराज चल रहे हैं। सिंधिया जहां भाजपा में शामिल हो गए हैं। वहीं पायलट कांग्रेस और गहलोत से नाराज हैं।  ये दोनों नेता राहुल गांधी की कोर टीम का हिस्सा रह चुके हैं। वहीं कहा  जा रहा है कि कहीं पायलट भी अपने करीबी दोस्त सिंधिया की राह न पकड़ लें। राज्य में ये भी चर्चा है कि जब शनिवार देर रात गहलोत ने विधायकों की बैठक बुलाई थी उस बैठक में पालयट और उनके समर्थक कई मंत्री शामिल नहीं हुए।

ये विधानसभा का मौजूदा समीकरण

राज्य की 200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा में वर्तमान में कांग्रेस के 107 विधायक हैं। जबकि राज्य के 13 निर्दलीय विधायक कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे हैं।