नई दिल्ली। चीन को एक बड़ा झटका लगा है। क्योंकि दुबई में होने जा रहे आईपीएल से वीवो इंडिया ने अपना हाथ खींच लिया है। मोबाइल कंपनी वीवो ने 2017 में आईपीएल टाइटल प्रायोजन अधिकार 2199 करोड़ रुपये में खरीदे थे। इसके लिए वीवी को लीग को हर सीजन में करीब 440 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। लेकिन देश में चीन के खिलाफ बने माहौल में कंपनी ने इससे अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। वहीं वीवो का हाथ खिंचने के बाद बोर्ड को चिंता बढ़ गई है।

असल में बीसीसीआई ने जब कंपनी को स्पॉन्सर रिटेन करने की बात कही तो सोशल मीडिया से लेकर राजनैतिक तौर पर इसका विरोध किया जाने लगा। क्योंकि वीवो मूल रुप से चीन की कंपनी है और भारत में वर्तमान में चीन के खिलाफ माहौल है और भारतीय चीनी उत्पादों और कंपनियों का विरोध कर रहे हैं। लिहाजा कंपनी ने विरोध को देखते हुए अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। हालांकि देश में चीनी उत्पादों के बहिष्कार के बाद चीनी मोबाइल कंपनियों और बड़ा असर हुआ है और लोग अपने तरीके से चीन का विरोध कर रहे हैं। 
 जानकारी के मुताबिक वीवो को हर साल 440 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि आईपीएल बोर्ड को भुगतान करनी थी। हालांकि बताया जा रहा है कि कंपनी ने इस बारे में अभी तक आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की चिंता बढ़ गई है क्योंकि इस साल आईपीएल यूएई में आयोजित होना है और अभी तक ये तय नहीं हुआ है कि वीवो की जगह कौन लेगा।

असल में दो महीने पहले पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक भिड़ंत हुई थी और इसमें बीस भारतीय जवान शहीद हो गए थे। हालांकि भारतीय सैनिकों ने चीन के करीब 40 से ज्यादा सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि चीन की तऱफ से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। क्योंकि उसे डर है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी बदनामी होगी। लिहाजा उसने अभी तक इस बात को स्वीकार नहीं किया है। वहीं देश में चीनी सामानों और कंपनियों का बहिष्कार शुरू हो गया है। 

19 सितंबर से यूएई में होगा आईपीएल

आईपीएल का 13वां एडिशन यूएई में 19 सितंबर से शुरू होगा। वहीं 10 नवंबर को फाइनल खेला जाएगा। हालांकि पहले ये मैच भारत में ही खेले जाने थे। लेकिन कोरोना संकट के कारण देश में इसे स्थगित कर दिया गया है।