नई दिल्ली: पाकिस्तान में गिरफ्तार आठ चीनी नागरिकों पर आरोप है कि वह पाकिस्तान से लड़कियों को तस्करी करके चीन ले जाते हैं। इसके लिए पाकिस्तानी लड़कियों से फर्जी शादी का कांट्रेक्ट किया जाता है और इसके बाद चीन ले जाकर उन्हें जिस्म के धंधे में धकेल दिया जाता है।

यह गिरफ्तारी पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेन्सी ने की है। जिसने पिछले सप्ताह भी दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। इन्हें लाहौर से करीब 150 किमी दूर फैसलाबाद में एक शादी समारोह से गिरफ्तार किया गया था। 

एफआईए के पंजाब निदेशक तारिक रुस्तम ने मीडिया को जानकारी दी कि सोमवार को एक चाइनीज महिला और सात चाइनीज पुरुषों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग मानव तस्करी में शामिल हैं और पाकिस्तानी लड़कियों को चीन ले जाकर उनसे देह व्यापार कराते हैं। 

उन्हें सूचना मिली थी कि चाइनीज नागरिक पाकिस्तान से अंग तस्करी और मानव तस्करी कर रहे हैं। ये लोग ज्यादातर पाकिस्तान में रह रही अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय की लड़कियों से शादी करते हैं। इसके बाद उन्हें चीन ले जाकर उनसे जबरन देह व्यापार कराते हैं।

तारिक रुस्तम ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में गिरोह का सरगना भी शामिल है। वह पिछले एक साल से लाहौर एयरपोर्ट के पास रह रहा था। गिरोह पाकिस्तानी लड़कियों को पहले लाहौर में किराए के घरों में रखता था। वहां उन्हें चाइनीज भाषा सिखाई जाती है। यहीं पर उसके शादी संबंधी फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते हैं। इसके बाद उन्हें चीन ले जाया जाता है और अनैतिक व्यापार में धकेल दिया जाता है।

पाकिस्तानी अधिकारी ने कि वह लोग पिछले कुछ वर्षों में चीन में तस्करी कर ले जाई गई लड़कियों की तस्करी का आंकड़ा एकत्र कर रहे हैं। इनकी संख्या सैकड़ों में हो सकती है। इस संबंध में पाकिस्तानी एजेंसी गिरफ्तार चीनी नागरिकों से भी पूछताछ कर रही है। एजेंसी ने आशंका व्यक्त की है कि गिरफ्तार सभी नागरिक भी लड़कियों की तस्करी में शामिल हो सकते हैं।

पाकिस्तानी सरकार ने हाल में ही एफआईए को पाकिस्तानी लड़कियों की तस्करी करने वाले चाइनीज गिरोहों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है। 

चीनी नागरिकों के खिलाफ पाकिस्तान में हुई इस तरह की कार्रवाईयां पहले नहीं होती थीं। वहां चीन के लोगों को मेहमान समझकर उन्हें बर्दाश्त किया जाता था। लेकिन अब चीन के लोग पाकिस्तान में गिरफ्तार किए जा रहे हैं। हो सकता है कि इसके पीछ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश-ए-मुहम्मद सरगना अजहर मसूद के वैश्विक आतंकी घोषित किया जाना एक कारण हो। क्योंकि ऐसा होते ही पाकिस्तान और चीन के रिश्तों में दरार दिखने लगी है।