पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता जनरल आसिफ गफूर ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसे सुनकर यह साफ हो जाता है कि पाकिस्तान की सीमा के अंदर आतंकवादियों का बसेरा है।
नई दिल्ली: पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि ‘उन्होंने हिंसक चरमपंथी संगठनों और जिहादी संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया है और हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं’। हालांकि जब भी कोई आतंकी हमला हुआ तब तब पाकिस्तान पर सवाल उठे। लेकिन हमेशा पाकिस्तान का कहना होता था कि उनका उस आतंकी हमले से कोई लेना देना नहीं हैं।
लेकिन आसिफ गफूर की बात से यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान आतंकियों का अड्डा है और वहां की फौज उसके उपर कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो गई है।
क्योंकि अगर पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी अड्डे नहीं होते तो आखिर प्रतिबंध किसपर लगाया जाता।
लेकिन पाकिस्तान हमेशा से इस सच को झुठलाकर अपने यहां आतंकियों की मौजूदगी की बात से इनकार करता रहा है। यहां तक कि वहां आतंकियों के अड्डों की बात उठाए जाने पर इस्लामाबाद हमेशा से विरोध करता आया है वहीं अब खुद पाक सेना ने स्वीकार कर लिया है कि वहां आतंकी मौजूद हैं। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।
पाकिस्तानी सेना का यह बयान तब काफी अहम माना जा रहा है जब भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस्लामाबाद के साथ कोई बातचीत तभी हो सकती है जब वह अपने यहां मौजूद आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेगा।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डीजी मेजर जनरल आसिफ गफूर ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'हमने हिंसक चरमपंथी संगठनों और जिहादी संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया है और हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।'
मेजर आसिफ ने कहा कि पाक को काफी क्षति झेलनी पड़ी है और आतंकवाद को खत्म करने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है। हमने आतंकवाद के कारण लाखों डॉलर गंवाए हैं।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पूर्व की सरकारें आतंकवाद से निपटने में नाकाम रही हैं और उसकी वजह से पाकिस्तान को लाखों डॉलर का नुकसान हुआ है।
गफूर ने कहा, 'सरकारें मेहरबानी करने में व्यस्त रही हैं और हर सुरक्षा एजेंसी इसी में व्यस्त रही है। इस वजह से हम प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ उस रणनीति को बनाने में नाकाम रहे हैं, जो हम आज बना रहे हैं।'
Last Updated Apr 30, 2019, 11:51 AM IST