भारत को नुकसान पहुंचाने की तमाम कोशिशों में नाकाम होने के बाद पाकिस्तान स्थित हनी ट्रैप फैक्टरी ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। पाकिस्तान की ट्रैप फैक्टरी न केवल महिलाओं बल्कि खूबसूरत दिखने वाले पुरुषों और सोशल मीडिया विशेषज्ञों की मदद ले रही है। उनका मकसद हर तरीके से अपने मंसूबों में कामयाब होना है। 

गोपनीय सूचनाएं हासिल करने के लिए पाकिस्तान की ओर से 'हनी ट्रैप' से लेकर 'लव जिहाद' तक हर हथकंडा अपनाया जा रहा है। यहां तक कि अब उसे सुरक्षा कर्मियों के परिवारों को निशाना बनाने से गुरेज नहीं है। हाल के समय में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें रक्षा संबंधी सूचनाएं हासिल करने के लिए किसी सैन्य परिवार की बेटी अथवा बेटे को खासतौर पर निशाना बनाया गया। 

एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, हाल ही में सेना के एक अधिकारी की बेटी को 'लव जिहाद' के जरिये फंसाया गया। इसके बाद उक्त शख्स ने उनसे रक्षा दस्तावेज देने की मांग की। साथ ही पीड़ित और उसकी मां को धमकाया गया। हनी ट्रैप फैक्टरी के निशाने पर ऐसी महिलाएं भी होती हैं जो दिन-रात की शिफ्ट में काम करती हैं और उनसे रक्षा संबंधी सूचनाएं मिलने की संभावना होती है। 

एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी के मुताबिक, 'हनी ट्रैप के लिए किसी रक्षा कर्मी और अधिकारी की तस्वीरों को लाइक करना ही पर्याप्त है। ऐसा देखा गया है कि इसके बाद फर्जी पहचान के आधार पर बनाए गए फेसबुक एकाउंट से लाइक का सिलसिला बढ़ने लगता है। फिर किसी रक्षा कर्मी अथवा अधिकारी द्वारा डाली जाने वाली हर तस्वीर पर लाइक होने लगते हैं। कुछ समय बाद इन फर्जी एकाउंट से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर दोस्ती गांठ ली जाती है। सूचनाएं हासिल करने के लिए आईएसआई रक्षा अधिकारियों के परिजनों को भी निशाना बनाने लगी है।'

इस तरह के ट्रैप की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा, 'सोशल मीडिया के विशेषज्ञ ऐसे संभावितों की जानकारी देते हैं, जिनके ब्यौरे के आधार पर उन्हें निशाना बनाया जा सकता है। आसान लक्ष्य ऐसे लोग होते हैं जो किसी रक्षा प्रतिष्ठान का फोटो अपने फेसबुक एकाउंट पर डालते हैं। ऐसा कोई भी एकाउंट जिसमें किसी सुरक्षा बल का लिंक होता है, आसान टॉरगेट माना जाता है। कई बार ऐसे लोगों को भी निशाना बना लिया जाता है, जिनका सेना से कोई संबंध नहीं होता।' 

इस तरह के एक मामले में रोहतक के रहने वाले 23 साल के एक युवक को आईएसआई ने हनी ट्रैप के जरिये फंसा लिया, जबकि उसका सेना से कोई संबंध नहीं था। सूत्रों के अनुसार, इस युवक ने अपने फेसबुक प्रोफाइल में लिखा था कि वह भारतीय सेना में काम करता है। उसने सेना के कुछ भर्ती कैंपों की फोटो भी फेसबुक पर डाल रखी थी। अधिकारियों के अनुसार, गौरव कुमार नाम के युवक ने सेना की भर्ती प्रक्रिया का ब्यौरा दुश्मनों को पहुंचाया। इसके अलावा उन कैंपों के फोटो भी दिए, जहां वह गया था। आईएसआई ने उसे दो महिलाओं के फेसबुक प्रोफाइल की मदद से फंसाया था। इन्हीं फेसबुक आईडी पर उसने ब्यौरा भेजा था।

इसी तरह, सोमवार को ब्रह्मोस एयरोस्पेस में कार्यरत इंजीनियर निशांत अग्रवाल को जासूसी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। वह कथित तौर पर एक पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था। दरअसल, वह पाकिस्तान में फेसबुक पर बनाए गए दो फर्जी एकाउंट के संपर्क में था। ये दोनों एकाउंट 'पूजा रंजन' और  'नेहा शर्मा' के नाम से बनाए गए थे।

प्रतिबंधित इलाकों की फोटो फेसबुक पर न डालने की हिदायत

केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने सरकारी कर्मचारियों को हिदायत दी है कि वे प्रतिबंधित इलाकों की तस्वीरों और ब्यौरा सोशल मीडिया पर खुलेआम साझा न करें। साथ ही अपने विभागो/इकाइयों/विंग आदि की जानकारी भी सोशल मीडिया पर न दें।