नई दिल्ली। कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ दुनियाभर में मोर्चा खोलने वाले पाकिस्तान को किसी भी देश का साथ नहीं मिला है। वहीं अब भारत को घेरने के चक्कर में उसने अपने करीबी दोस्त सऊदी अरब को ही नाराज कर दिया है। वहीं पाकिस्तान की धमकी के बाद सऊदी अरब नाराज है। जिसके बाद अब पाकिस्तान को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। फिलहाल पाकिस्तान के सऊदी अरब के साथ रिश्ते खराब चल रहे हैं और उसने सऊदी अरब को धमकी देकर आग में घी डालने का काम किया है।

पिछले कुछ दिनों पाकिस्तान ने सऊदी अरब को धमकी दी थी वह कश्मीर के मुद्दे पर मुस्लिम देशों की बैठक बुलाना चाहता है। लेकिन अभी तक सऊदी अरब ने इसके लिए मंजूरी नहीं दी है। वहीं पाकिस्तान ने धमकी दी थी अगर सऊदी अरब उसका साथ नहीं देता है तो वह उसके बगैर अन्य देशों की बैठक बुलाएगा। असल में पाकिस्तान तुर्की और मलेशिया के साथ मुस्लिम देशों का संगठन बनाने की वकालत कर रहा है। हालांकि अभी तक अन्य मुस्लिम देशों ने पाकिस्तान का साथ नहीं दिया है। लेकिन तुर्की सऊदी अरब के खिलाफ खड़ा होना चाहता है और इसमें मलेशिया ने भी पिछले दिनों पाकिस्तान का साथ दिया था।

लेकिन अब मलेशिया में महातिर मुहम्मद पीएम के पद से हट गए हैं और वह मलेशिया की नई सरकार भारत के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहती है। लिहाजा वह भी पाकिस्तान के ज्यादा करीब नहीं जा रही है। वहीं तुर्की मुस्लिम देशों में अपना एकाधिकार जमाना चाहता है और मुस्लिम देशों के संगठन के मुखिया के पद से सऊदी अरब को हटाना चाहता है। जिसको लेकर सऊदी अरब तुर्की और पाकिस्तान से नाराज चल रहा है। पिछले दिन पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सऊदी अरब की खुलेआम आलोचना की थी और पाकिस्ता ने कहा था कि सऊदी कश्मीर पर इस्लामिक सहयोग संगठन की विदेश मंत्री स्तर की बैठक बुलाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो दूसरे मुस्लिम देशों के साथ अलग बैठक बुलाने पर मजबूर हो जाएगा। इस बयान के बाद कुरैशी ने कुछ दांव चला था। लेकिन अब ये उल्टा पड़ गया है।

पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका

असल में माना जा रहा है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री के बयान के सऊदी अरब पाकिस्तान से नाराज है और उसमें पाकिस्तान को कर्ज और उधार में तेल देने की सुविधा खत्म कर दी है। इसके बाद पाकिस्तान को सऊदी अरब को 1 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना पड़ा है। जबकि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी खराब है और ऐसे में एक अरब डॉलर चुकाने के बाद पाकिस्तान की हालत और ज्यादा खराब हुई है।