पूरे विश्व में आंतक को पोषित करने वाले देश के तौर पर बदनाम हो चुके पाकिस्तान की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। अब पाकिस्तान जल्द ही एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में शामिल सकता है। इसके संकेत एफएटीएफ के प्रमुख मार्शल बिलिंगस्लिया ने दिए हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान की दी गयी तय समय सीमा खत्म हो गयी है और पाकिस्तान अपने किए वादों को पूरा नहीं कर पाया है।

अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था फाइनेंशल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) जल्द ही पाकिस्तान के खिलाफ अहम कदम उठा सकता है। अभी तक पाकिस्तान एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में है और जल्द ही उसे ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जा सकता है। क्योंकि पाकिस्तान अभी भी अपने वहां आतंकवाद का लगाम नहीं लगा सका है।

विश्व के तमाम देशों में हो रहे आतंकी हमलों में कहीं न कहीं पाकिस्तान की भूमिका रहती है। एफएटीएफ के प्रमुख ने पैरिस में हुई बैठक में इसके संकेत दिए हैं कि पाकिस्तान को काली सूची में शामिल किया जा सकता है। बिलिंगस्लिया ने वहां पर पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान को 2018 में कई मुद्दों पर काम करना था, लेकिन वह अपने वादों को पूरा नहीं कर पाया है।

पाकिस्तान को फरवरी में चेतावनी दी गई थी लेकिन वह अपनी कार्य योजना को लागू करने में विफल रहा है। इसके बाद उसे मई का समय दिया था और इस पर पाकिस्तान विफल साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान को 26 सूत्री कार्यक्रम सौंपा गया था और वह उस पर कार्य करने में विफल रहा है। 

जानें क्या है एफएटीएफ

असल में एफएटीएफ की स्थापना 1989 को हुई थी और इसका काम धन शोधन तथा आतंकवादी वित्तीयन का सामना करने के लिए मानक निर्धारित करना है। इसका मुख्यालय पेरिस में है। ये उन देशों की सूची तैयार करता है जो आतंकियों को वित्तीय मदद करते हैं। इसकी काली सूची में आ जाने के बाद कई अंतरराष्ट्रीय संस्था आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों को आर्थिक मदद नहीं देती हैं।

अभी कौन सी लिस्ट में है पाकिस्तान

अभी पाकिस्तान को एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट की सूची में डाला है। अगर पाकिस्तान अपने वादों को पूरा नहीं करता है तो जल्द ही उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा। जिसके बाद उसे आर्थिक मदद मिलनी बंद हो जाएगी। अभी तक पाकिस्तान मई तक दी गयी समय सीमा में अपने वादों को पूरा नहीं कर पाया है।