नई दिल्ली। नापाक पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने फायदे के लिए उइगर मुस्लिमों पर हो रहे जुल्म को नजरअंदाज करते हुए चीन से डील कर ली। चीन ने भी पाकिस्तान को इसका इनाम देते हुए उसे एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में शामिल होने से बचा लिया है। असल में इस बार एफएटीएफ की बैठक की अध्यक्षता चीन ही कर रहा था।

असल में पाकिस्तान को एफएटीएफ ब्लैकलिस्ट करने का फैसला करीब करीब कर चुका था। लेकिन पाकिस्तान के आका चीन और उसके दो दोस्त तुर्की और मलेशिया ने उसे बचा लिया है। क्योंकि एफएटीएफ की एशिया पैसिफिक ग्रुप ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में पहले से ही रख दिया था। लेकिन पाकिस्तान के इन दोस्तों ने उसे बचा लिया। हालांकि ग्रे लिस्ट में रहने की वजह से पाकिस्तान को अगले चाल महीने में 2.66 लाख करोड़ पाकिस्तानी रूपये का नुकसान तो होगा ही।

हालांकि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा कि वह अभी तक 27 सूत्रीय कार्ययोजना को लागू करने में विफल रहा है महज सूत्रों पर ही उसने काम किया है। लेकिन एफएटीएफ से बचने के लिए पाकिस्तान ने चीन से डील की है। दुनियाभर में अपने को मुस्लिमों को हितैषी बताने वाले इमरान खान ने चीन में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे जुल्म पर चुप रहने का फैसला किया है और इसी लिए चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया। चीन में उइगर मुस्लिमों पर लगातार जुल्म हो रहे हैं और यूएन से लेकर सभी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इसके लिए चीन की आलोचना कर चुके हैं।

लेकिन अभी तक पाकिस्तान ने चीन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोला। वहीं आतंक के सरपरस्त पाकिस्तान को उसके दो दोस्तों का भी साथ मिला है। इन दोनों दोस्त तुर्की, मलेशिया ने पाकिस्तान का साथ दिया है। असल में एफएटीएफ के नियम के मुताबिक किसी भी लिस्ट में जाने से बचने के लिए तीन देशों का साथ चाहिए। हालांकि ज्यादातर देश पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग कर रहे थे।

फिलहाल पाकिस्तान के दोस्तों ने उसे फरवरी 2020 तक तो बचा लिया है। लेकिन उसके बाद शायद इसके बाद ये देश उसे ब्लैकलिस्ट होने से नहीं बचा पाएंगे। क्योंकि 38 में से 35 देश पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की वकालत कर रहे हैं।