पाकिस्तान के सामने खड़ी आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियां अब उसके अस्तित्व पर सवाल खड़ा कर रही हैं। इसी हफ्ते पेशावर में पश्तूनी नागरिकों ने आजादी के नारे के साथ पश्तूनी आजादी की मांग कर रहे लोगों के अपहरण और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन किया और पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसिया मूक दर्शक बनी रहीं। अब मुहाजिर आबादी ने भी आतंकवाद को शरण देने वाले देश पाकिस्तान से मुक्त होने का नारा बुलंद करना शुरू कर दिया है।

असल में पाकिस्तान में मुहाजिर की संज्ञा उन मुसलमान परिवारों को दी गई, जिन्होंने 1947 की आजादी के बाद हुए बंटवारे में भारत से पाकिस्तान जाने का फैसला लिया था। अब मुहाजिर आबादी ने पश्तून, बलूच और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में गिलगिट-बल्टिस्तान के आंदोलन को समर्थन का फैसला किया है। लिहाजा, पश्तून, बलूच समेत कुछ अन्य समुदायों के साथ आवाज मिलाकर अब पाकिस्तान में मुहाजिर समुदाय ने भी पाकिस्तान से आजादी और नया देश बनाने की स्वतंत्रता मांगी है।

इस मांग के लिए मुहाजिर समुदाय ने अमेरिका में व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शन कर वैश्विक मीडिया के सामने अपना पक्ष रखने की कवायद की है। गौरतलब है कि प्रमुख मुहाजिर संगठन मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) ने दुनिया के सभी देशों की मीडिया को निमंत्रण देते हुए कहा है कि रविवार 7 अप्रैल को वह अपनी मांगों के साथ एक शांतिपूर्ण रैली और प्रदर्शन करने जा रही है। इस प्रदर्शन के लिए एमक्यूएम ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यालय और निवास व्हाइट हाउस के सामने की जगह तय की है। 

अमेरिका में मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के प्रमुख ऑर्गेनाइजर रेहान इबादत ने बताया कि व्हाइट हाउस के सामने प्रस्तावित रैली और प्रदर्शन सभी मुहाजिर, बलूच, गिलगिट, पश्तून और पाकिस्तान की तानाशाही से ग्रस्त अन्य सभी समुदायों का मिला जुला प्रयास है। इस रैली और प्रदर्शन से पाकिस्तान और पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों की दमनकारी नीतियों के खिलाफ है।