पुलवामा में हमला कराने के बाद पाकिस्तान को लगातार भारतीय सेना का डर सता रहा है। उसके नेताओं की नींद हराम हो गई है। उन्हें लगातार भारत की ओर से बदला लिए जाने का खतरा महसूस हो रहा है। 

भारतीय सेना के खौफ से पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र(यूनाईटेड नेशन) की शरण में पहुंच गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएन के महासचिव एंटोनियो गुतेरेस को चिट्ठी लिखकर अपने हुए हमला होने की आशंका जाहिर की है। 

यूएन महासचिव को लिखी गई कुरैशी की चिट्ठी में भारत में होने वाले चुनाव और प्रधानमंत्री मोदी का भी जिक्र है। पाकिस्तान ने यूएन के सामने अपना दुखड़ा रोया है कि भारत में चुनाव की वजह से युद्ध का माहौल बनाया जा रहा है। 

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि भारत इस इलाके में तनाव को बढ़ा रहा है। जिससे काफी नुकसान हो सकता है। 

कुरैशी ने अपनी चिट्ठी में फिर से पुराना राग अलापा है। पाकिस्तान का कहना है कि अगर पुलवामा हमले से पाकिस्तान का कोई संबंध है तो भारत को सबूत पेश करना चाहिए। हम इसकी जांच करवाएंगे। 

हालांकि तो सच यह है कि भारत में पहले हुए आतंकी हमलों के सबूत कई बार पाकिस्तान को उपलब्ध कराए गए हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।  

पाकिस्तान ने अपनी करतूतों को छिपाते हुए संयुक्त राष्ट्र से गुहार लगाई है कि वह भारत से कहे कि इस तरह के तनाव पर रोक लगाई जाए। 

ऐसा पहली बार नहीं है जब जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान यूएन में गया हो, इससे पहले भी वह कई बार दुनिया के सामने इस मुद्दे को उठाता रहा है। लेकिन हर बार उसे मात खानी पड़ी है।

इस समय भी अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर पाकिस्तान के झूठ का पुलिंदा खुल रहा है। 

पुलवामा में हुए फिदायीन हमले के बाद 40 भारतीय जवानों की मौत के बाद से पाकिस्तान पूरी दुनिया में अलग थलग पड़ता जा रहा है। 

अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के खिलाफ यूएन में शिकायत दर्ज कराई है। ईरान ने पाकिस्तानी राजदूत को बुलाकर नोटिस दिया है। 

भारत ने मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया है। पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी हमले हो रहे हैं