लाहौर. मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी आतंकी हाफिज सईद पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है। पाकिस्तान की काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) ने हाफिज सहित 12 लोगों के खिलाफ 23 केस दर्ज किए गए हैं। सीटीडी ने ये केस आतंकी फंडिंग के तहत किये हैं। अधिकारियों का कहना है ये लोग ट्रस्ट के नाम पर फंडिंग करवाते थे और उसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में करते थे। वहीं पाकिस्तान सरकार की इस कार्रवाई को भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, पाकिस्तान पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने वैश्विक दबाव भी है।  

आतंक को बढ़ावा देने करते फंड का जुगाड़

सीटीडी के मुताबिक, जमात उद दावा सहित उसके करीबी लोग आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए करीबन पांच ट्रस्ट का इस्तेमाल करते हैं। जिसका प्रमुख हाफिज सईद है। इसके अलावा लश्कर ए तैयबा और फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) से जुड़े आतंकी भी शामिल हैं। इस मामले में 23 केस पाकिस्तान के लाहौर सहित कई शहरों में दर्ज किए गए हैं।  सीटीडी को जांच में पता चला है, जमात, लश्कर और एफआईएफ ट्रस्ट के जरिए फंडिंग जुटाते थे। साथ इस रकम का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जाता था। ट्रस्ट में अल-अनफाल, दावत उल इरशाद, अल हमद, अल मदीना और मौज बिन जबल जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इस मामले में अब सुनवाई अब एंटी टेरेरिज्म कोर्ट करेगी

कौन है हाफिज सईद

हाफिज सईद 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टर माइंड है। वह जमात के जरिए आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के लिए फंड इकट्ठे करता है। भारत में आतंकी हमले के लिए आतंकियों को ट्रेनिंग भी देता है। 2012 में उसे अमेरिका ने वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया था। हाफिज सईद के ऊपर 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया गया है। 

जांच एजेंसियों ने ऑफिस किये सील

इससे पहले पाकिस्तान की जांच एजेंसियों ने लाहौर में जमात और एफआईएफ ऑफिस सील कर दिए थे। वहीं अबतक करीबन इन संगठनों से जुड़े 120 आतंकियों को पकड़ा जा चुका है।