पाकिस्तान से आजादी मांग रहे बलूचिस्तान में गुरुवार एक बार फिर नरसंहार का मामला सामने आया। रिपोर्ट के मुताबिक कराची से ग्वादर नैशनल हाईवे से जा रही एक बस को रास्ते में रोककर उसमें सवार 16 यात्रियों को नीचे उतारकर पास के एक होटल ले जाया गया। होटल में वर्दी में आए हमलावरों ने सबी को गोलियों से भून दिया।

सूत्रों के मुताबिक सेना और पुलिस की वर्दी में और गाडि़यों में सवार 15 से 20 हमलावरों ने बस को मकरान कोस्टल हाईवे पर रोक लिया। जिसके बाद वर्दी में कुछ लोगों ने बस में चढ़कर सवार यात्रियों का आइडेंटिटी कार्ड चेक किया। 

कार्ड चेक करने के बाद बस से लगभग 16 लोगों को निचे उतार लिया गया और नजदीक के एक होटल में ले जाकर हमलावरों ने अंधाधुन फायरिंग कर 14 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। हमले में बस से उतारे गए दो यात्री फायरिंग के दौरान भागने में सफल रहे।

नरसंहार से भागने में सफल रहे दो बस यात्रियों ने नजदीक के चेकपोस्ट पर पहुंच कर तैनात सुरक्षाकर्मियों को नरसंहार की सूचना दी।  पाकिस्तान के अखबार दि डॉन ने खबर दी कि नरसंहार से बचकर आए दो लोगों को नजदीक के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। इससे अधिक सूचना अभी पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से नहीं मिली है।

गौरतलब है कि इससे पहले भी 2015 में पाकिस्तान के बलूचिस्तान मस्तंग इलाके में कराची जा रही गाड़ी से लगभग दो दर्जन लोगों को उतारकर नजदीक की पहाड़ियों में ले जाकर गोली मार दी गई थी। खाड कोचा इलाके की इस घटना में भी 19 लोगों का नरसंहार हुआ था।

गौरतलब है कि अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से सटा बलूचिस्तान इलाका पाकिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे गरीब क्षेत्र है। इस इलाके में लोग पाकिस्तान से स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं जिसके चलते पाकिस्तान सरकार अपनी दमनकारी नीतियां के सहारे बलूचिस्तान आंदोलन को काबू करती रहती है।