मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में श्रीराम के मंदिर की नींव में पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर से भी मिट्टी लाई गई है। यहां पर हिंदूओं का पवित्र तीर्थ स्थल शारदा पीठ है और यहां के मंदिर की मिट्टी भी मंदिर की नींव में डाली गई।
नई दिल्ली। अयोध्या में लंबे इंतजार के बाद आज भगवान श्रीराम मंदिर की आधारशिला रख दी गई हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर की नींव में चांदी की ईंट रखकर भूमिपूजन का कार्य पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न किया। अयोध्या में आज भूमि पूजन के मौके पर कई प्रतिष्ठित इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। वहीं श्रीराम मंदिर के लिए नींव में देश के अलग-अलग हिस्सों से मिट्टी और नदियों का जल लाया गया था। वहीं एक बड़ी जानकारी भी सामने आ रही है कि मंदिर के निर्माण के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले शारद पीठ के मंदिर से भी मिट्टी लाई गई है और इसे नींव में डाला गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में श्रीराम के मंदिर की नींव में पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर से भी मिट्टी लाई गई है। यहां पर हिंदूओं का पवित्र तीर्थ स्थल शारदा पीठ है और यहां के मंदिर की मिट्टी भी मंदिर की नींव में डाली गई। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर से मिट्टी लाना आसान नहीं था। लिहाजा इसके लिए चीन में रहने वाले कर्नाटक के वेंकटेश रमन को उनकी पत्नी को गुलाम कश्मीर भेजा गया जो वहां चीन के पासपोर्ट के साथ हांगकांग के रास्ते पहुंचे।
वह गुलाम कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद पहुंचे और वहां से वह शारदा पीठ तीर्थ स्थल पर पहुंचे और फिर वहां की मिट्टी लेकर वापस हांगकांग के रास्ते दिल्ली पहुंचे। हालांकि ये कार्य इतना आसान नहीं था। लेकिन इस मिट्टी को मंदिर की नींव में डाला जाना आवश्यक था, लिहाजा रमन और उनकी पत्नी ने इस कार्य को अपने हाथ में लिया और इसे अंजाम दिया। बताया जाता है कि रमन ने इस मिट्टी को दिल्ली में शारदा पीठ से जुड़े अंजना शर्मा को सौंपा और वह इस मिट्टी को लेकर अयोध्या पहुंचे और आधारशिला में मां शारदा के मंदिर की मिट्टी को रखा।
कहां है शारदा पीठ
गुलाम कश्मीर में स्थित शारदा पीठ करीब 5,000 साल पुराना मंदिर है औऱ ये हिंदूओं के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से है। लेकिन पाकिस्तान द्वारा गुलाम कश्मीर पर कब्जा करने के बाद ये पाकिस्तान के हिस्से में चला गया। इस मंदिर को सम्राट अशोक के शासनकाल में स्थापित किया गया था। यह मंदिर गुलाम कश्मीर में स्थित है और यहां किसी भी भारतीय को जाने की इजाजत नहीं है।
Last Updated Aug 5, 2020, 9:32 PM IST