वाराणसी। पाकिस्तान द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के विरोध में तोड़ गए व्यापारिक संबंधों का खामियाजा अब उसे ही उठाना पड़ेगा। देश में पाकिस्तान से आयात होने वाले सेंधा नमक का विरोध शुरू हो गया है। बाबा शिव की नगरी काशी में संतों ने सेंधा नमक का बहिष्कार करने का फैसला किया है। जिसके बाद पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्योंकि भारत ही सेंधा नमक को सबसे ज्यादा आयात करने वाला देश है।

तीन दिन पूर्व कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को तोड़ने का फैसला किया था। इसके तरह आयात और निर्यात पर पूरी तरह से रोक लग गई है। हालांकि पाकिस्तान में ही इमरान खान के इस फैसले के विरोध में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। क्योंकि पाकिस्तान को काफी सस्ती कीमतों पर खाद्य उत्पाद भारत से ही निर्यात किए जाते हैं।

अगर पाकिस्तान अन्य देशों से इन उत्पादों को आयात करता है तो उसे कम से कम पांच गुना ज्यादा कीमत पर ये उत्पाद मिलते हैं। फिलहाल पाकिस्तान से आयातित सामान का विरोध अब देश में होने लगा है। संतों ने व्रत के फलाहार में विशेष महत्व रखने वाले सेंधा नमक के पाकिस्तान से आने के चलते बहिष्कार का ऐलान किया है। दंडी संन्यासियों ने एक आपात बैठक नगवा स्थित दुर्गा मठ में बुलाकर इसका ऐलान किया है।

संतों ने कहा, सेंधा नमक की पाकिस्तान से आमद न होने से न भारत पर फर्क नहीं पड़ेगा और न व्रती लोगों पर। संतों की बैठक की अगुवाई कर रही साध्वी गीताम्बरी ने बताया कि सावन के अंतिम सोमवार को ‘बिना सेंधा नमक फलाहार, पाकिस्तान का बहिष्कार’ स्लोग्न वाला पोस्टर जारी कर सेंधा नमक बहिष्कार की शुरुआत की जाएगी। 

कंगाल हो जाएगा पाकिस्तान

संतों ने कहा कि अगर भारत पाकिस्तान से सेंधा नमक का आयात नहीं करता है तो पाकिस्तान के पास इसको बेचने का जरिए नहीं है। क्योंकि भारत ही सेंधा नमक का बड़ा आयात है। भारत हर अरबों रूपये का सेंधा नमक पाकिस्तान से खरीदता है। पाकिस्तान में सेंधा नमक की खदानें खेवरा, वारछा व कालाबाग में है।