नई दिल्ली। दुनिया के कई देशों का कर्जदार क्या अपने दोस्त मलयेशिया की मदद कर पाएगा। हालांकि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान नियाजी ने तो मलयेशिया से ये वादा किया है कि वह भारत से होने वाले नुकसान की भरपाई करेगा और मलयेशिया से पाम ऑयल आयात करेगा। जबकि सच्चाई ये कि पाकिस्तान मलयेशिया से महज 1.1 मिलियन टन ही तेल आयात करता है जबकि इसकी तुलना में भारत मलयेशिया से 4.4. मिलियन टन आयात करता है। लेकिन सवाल ये है कि पाकिस्तान तेल तो खरीद लेगा लेकिन खस्ताहाल पाकिस्तान इसका पैसा वापस कैसे देगा।

कश्मीर और नागरिकता संसोधन के कानून पर बयान देने के बाद भारत ने मलयेशिया को बड़ा झटका दिया है। भारत सरकार ने मलयेशिया से पाम तेल खरीदना कम कर दिया है। जिसके कारण उसकी आर्थिक हालत खराब हो रही है। क्योंकि मलयेशिया की अर्थव्यवस्था पाम ऑयल पर ही निर्भर है। लेकिन  भारत द्वारा आयात करने के बाद वहां पर तेल की कीमतों में कमी आई है।

वहीं पाकिस्तान के पीएम इमरान खान मलयेशिया की यात्रा पर हैं। इमरान खान ने वहां के पीएम महातिर मोहम्मद से  वादा  किया है कि वह भारत द्वारा की जा रही कटौती  की भरपाई करेगा। लेकिन पाकिस्तान कैसे करेगा इसकी जानकारी नहीं है। क्योंकि पाकिस्तान आर्थिक तौर पर कमजोर हो चुका है। उसके पास कर्ज के पैसे चुकाने के पैसे नहीं है। वहीं आर्थिक तौर पर उस पर प्रतिबंध भी लगे हैं।

मलेशियाई पाम ऑयल काउंसिल के अनुसार, पाकिस्तान ने मलयेशिया से पिछले साल 1.1 मिलियन टन पाम ऑयल का आयात किया था जबकि इसकी तुलना में भारत ने 4.4 मिलियन टन आयात किया था। प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा कि भारत  के आयात पर प्रतिबंध लगाने के बाद मलेशिया से अधिक ताड़ का तेल खरीदने की पूरी कोशिश करेगा।

हालांकि मलयेशिया की इमरान खान की यात्रा उनके गले की हड्डी भी बन सकता है। क्योंकि सऊदी अरब पहले ही धमकी दे चुका है। क्योंकि मलयेशिया मुस्लिम देशों का नया नेता बनना चाहता है। जबकि अभी तक सऊदी अरब ही मुस्लिम देशों का नेता है। वह मुस्लिम देशों के संगठन का अध्यक्ष है।  गौरतलब है कि पिछले दिनों ही पाकिस्तान, मलयेशिया और तुर्की ने एक टीवी चैनल शुरू करने की बात कही थी।