मानव सभ्यता के लिए पाकिस्तान सबसे बड़ा खतरा है। यह देश सीरिया से तीन गुना ज्यादा खतरनाक है और वैश्विक आतंकवाद का सबसे बड़ा हिमायती बना हुआ है। 

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और स्ट्रैटेजिक फोरसाइट ग्रुप (एसएफजी) के एक साझा अध्ययन में यह बातें कही गई हैं। यह रिपोर्ट 'ह्यूमनिटी एट रिस्क- ग्लोबल टेरर थ्रेट इंडिकेट' शीर्षक से तैयार की गई है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे ज्यादा खतरा है। 

रिपोर्ट के अनुसार 'अगर हम तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर सबसे खतरनाक आतंकवादी समूहों को देखें तो पता चलता है कि पाकिस्तान उनमें से ज्यादातर का या तो मेजबान है या मददगार। अफगानिस्तान में मौजूद आतंकी गुटों की बड़ी तादाद भी पाकिस्तान के समर्थन से संचालित होती है।'

 रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 'हर तरह के प्रतिस्पर्धी उग्रवाद का पनपना, सामूहिक विनाश के हथियारों का गलत इस्तेमाल और आर्थिक समस्याएं इंसान की तरक्की को कमजोर कर सकती हैं। इनमें आतंकवाद और उससे जुडी बातें इंसान के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं।' 

अध्ययन करने वाले समूह एसएफजी ने 80 पेज की यह रिपोर्ट तैयार की है। इसमें 20वीं शताब्दी के पहले छह दशकों में दुनिया में आतंक फैलाने वाले करीब 200 समूहों का विश्लेषण किया गया।

 अध्ययन में कहा गया कि आईएसआईएस और अल-कायदा दुनिया में आतंक के सबसे बड़े संगठन बनकर उभरे हैं। अल-कायदा का जन्म पाकिस्तान में हुआ, लेकिन इसने अफगानिस्तान को सबसे ज्यादा प्रभावित किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ओसामा-बिन-लादेन एबटाबाद में पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान के पास एक बड़े परिसर सुरक्षित पनाह लिए बैठा था। यह परिसर रिटायर्ड फौजियों के आसपास मौजूद घरों की तुलना में काफी बड़ा था। 

 सैन्य परिसर में आतंकी परिवार की मौजूदगी बताती है कि पाकिस्तान आतंक का सबसे बड़ा अड्डा है।

इस रिपोर्ट में अफगानिस्तान, लीबिया, सीरिया और यमन से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों का भी जिक्र है।