भारत और रूस के बीच हुए एस-400 मिसाइल डिफेंस समझौते से पाकिस्तान घबराया हुआ है। उसने रुस से गुहार लगाई है, कि भारत को हथियार देने वाले देश को यह भी तय करना चाहिए, कि इससे क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को खतरा ना पहुंचे। 

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने यह बयान जारी किया है। 

लेकिन रुस ने पाकिस्तान की चिंता को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत में रुस के राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने यह स्पष्ट कर दिया है, कि भारत के साथ रुस के संबंध ‘रणनीतिक’ और  ‘दीर्घकालिक’ हैं। 

कुदाशेव ने बयान दिया कि, ‘रूस में कोई भी समझदार व्यक्ति यह नहीं कहेगा कि हम पाकिस्तान के साथ संबंध भारत की कीमत पर बनाएं। यह असंभव है।’

कुदाशेव के मुताबिक पाकिस्तान से रुस का संबंध पाकिस्तान में स्थिरता लाने, क्षेत्रीय स्थिरता में सहयोग करना और आतंकवाद से मुकाबला करना है। उन्होंने साफ कहा, कि ‘हमें स्थिर पाकिस्तान चाहिए...जहां तक मैं समझता हूं भारत का भी यही विचार है।’

रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पिछले शुक्रवार यानी 5 अक्टूबर को भारत आए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की, दोनो देशों ने बहुप्रतीक्षित एस- 400 एयर डिफेंस सिस्टम डील फाइनल कर ली। इसके अलावा दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष मामलों में सहयोग समेत 8 बड़े समझौते भी हुए। 

पुतिन और मोदी की इन्हीं नजदीकियों से पाकिस्तान घबराया हुआ है।

 खास बात यह है कि पुतिन के हाथ में लगभग 20 सालों से रुस की सत्ता केन्द्रित है। लेकिन वह कभी पाकिस्तान नहीं गए। जबकि भारत वह कई बार आ चुके हैं।