नई दिल्ली। दुनिया भर में आतंकी की फैक्ट्री के नाम से मशहूर पाकिस्तान अब दुनिया को गुमराह करने के लिए नए आंतकी संगठनों को बना रहा है। पाकिस्तान दुनिया को इसके जरिए ये बताना चाहता है कि भारत में आतंकवाद का समर्थन स्थानीय संगठनों के द्वारा किया जा रहा है। इन नए संगठनों में पाकिस्तान जैश और लश्कर के पुराने आतंकियों को शामिल कर रहा है और दुनिया की नजरों में धूल झोंकने के लिए इन्हें नया नाम दे रहा है।

असल में पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और एफएटीएफ की तलवार लटकी है।  क्योंकि एफएटीएफ ने पाकिस्तान से साफ कहा कि वह पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों को बंद करे।  अगर पाकिस्तान ऐसा नहीं करता है तो पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक सहायता बंद कर दी जाएगी। पिछले दिनों एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा गया है।  अगर पाकिस्तान इन संगठनों पर प्रतिबंध नहीं लगाता है और इनके आतंकियों को जेल में नहीं भेजता है तो एफएटीएफ  पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में शामिल कर देगा। लिहाजा पाकिस्तान अब साजिश कर इन संगठनों के आतंकियों को नए संगठनों में शामिल कर रहा है और दुनिया की नजर में धूल झोंक रहा है।

इस बात का खुलासा अब जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने किया है। सिंह ने बताया कि पाकिस्तान ने "स्थानीय नामों" से नए आतंकी संगठन बनाए हैं। ताकि दुनिया को गुमराह किया जा सके। राज्य में हाल ही में तीन आतंकवादी संगठन गठित किए है। जो पाकिस्तान समर्थित हैं। जिसमें तहरीक रेजिस्टन्स फ्रंट, तहरीक मिलिती इस्लामिया और गज़वा-ए-हिंद  शामिल हैं। इसके जरिए पाकिस्तान ये साबित करना चाहता है कि आतंकी संगठन कश्मीर के हैं और इन संगठनों का पाकिस्तान से कोई लेना देना नहीं है। असल में पाकिस्तान सेना और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई राज्य में अशांति फैलाना चाह रही है।

उनका कहना है कि राज्य में आतंकियों के साथ हो रही मुठभेड़ में ज्यादातर आतंकी नए आतंकी संगठनों के हैं। लिहाजा आतंकी घटनाओं के बाद पाकिस्तान सोशल मीडिया के जरिए इन आतंकी संगठनों के नामों को प्रसारित कर रहा है। सिंह ने बताया कि हाल में सुरक्षा बलों ने इन चार संगठनों के प्रमुखों समेत  कई आतंकी संगठनों के 22 आतंकियों और उनके कमांडरों को मौत के घाट उतारा है। वही इस अभी तक 30 मुठभेड़ों में करीब 70 आतंकवादी मारे गए हैं। जिनमें 22 शीर्ष कमांडर शामिल हैं।