भारत में पाकिस्तानी कलाकारों को काम दिए जाने की हिमायत करने वालों के मुंह पर इससे करारा तमाचा नहीं हो सकता। कुछ समय पहले बॉलीवुड में एक फिल्म आई थी 'वेलकम टू कराची।' अभिनेता अरशद वारसी की इस फिल्म में पाकिस्तान के मशहूर कलाकार अयूब खोसा ने भी काम किया था। अब यही अयूब खोसा कश्मीर के कुख्यात आतंकी बुरहान वानी पर फिल्म बना रहे हैं। साल 2016 में भारतीय सेना हिजबुल मुजाहिदीन के इस कुख्यात आतंकी कमांडर को ढेर कर चुकी है। 

पाकिस्तान का आतंकियों से प्रेम किसी से छिपा नहीं है। यही कारण है कि कश्मीर में एक और प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए 'बुरहान वानी' फिल्म बनाई जा रही है। इस फिल्म से पाकिस्तान की चर्चित टीवी शख्सियत अमीर लियाकत अपना डेब्यू कर रहे हैं। 

पाकिस्तान के दुनिया चैनल के मुताबिक, लियाकत ने इस फिल्म से अपनी नई पारी शुरू होने की पुष्टि की है। उन्होंने चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह बुरहान वानी पर आधारित है और वह फिल्म में यही किरदार निभा रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या लियाकत फिल्म में हीरो हैं, तो उन्होंने कहा, 'बुरहान वानी एक हीरो था। मैं खुद को हीरो नहीं कह सकता। वह कश्मीर मुल्क के लिए हीरो था।'

एक आतंकी को 'हीरो' बताने से ही पाकिस्तान की नीयत का पता चल जाता है। यह पाकिस्तान की ओर से कश्मीर को लेकर चलाए जा रहे प्रौपेगेंडा का नया तरीका है। अमीर लियाकत इससे पहले रमजान 2016 के वीडियो में नजर आ चुके हैं। इसमें वह एक पाकिस्तानी सेना अधिकारी बने थे। 

कौन था आतंकी कमांडर बुरहान वानी

2016 में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खि‍लाफ बड़ी कार्रवाई में अनंतनाग जिले में हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वॉय और टॉप कमांडर बुरहान वानी को मार गिराया गया था। उसके साथ दो अन्य आतंकी भी मारे गए थे। बुरहान वानी पर दस लाख रुपये का इनाम था। उसकी मौत के बाद कश्मीर में लंबे समय तक पत्थरबाजी की घटनाएं हुई थीं। 22 साल का बुरहान वानी दक्षिण कश्मीर के त्राल का रहने वाला था। वह 15 साल की उम्र में आतंकवाद की राह पर चला गया था। तीन साल उसने कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया। वह सोशल मीडिया की मदद से युवाओं को आतंकवादी बनने के लिए बरगलाता था। 

पाकिस्तान ने जारी किया था डाक टिकट

कश्मीर में आतंकियों को पाकिस्तान का समर्थन जगजाहिर है। बुरहान वानी के खात्मे के बाद पाकिस्तान ने उसकी मौत को कश्मीरी युवाओं को भड़काने के लिए इस्तेमाल किया। पिछले साल पाकिस्तान ने 20 डाक टिकट जारी किए थे। इनमें बुरहान वानी समेत जम्मू-कश्मीर में मारे गए आतंकियों की तस्वीरें थीं।