नई दिल्ली: पाकिस्तानी की करेंसी रुपए भारी गिरावट के कारण शुक्रवार की शाम वहां का शेयर बाजार 800 अंक नीचे चला गया। जिसकी वजह से पाकिस्तानी निवेशकों के एक हजार करोड़ रुपए डूब गए। 

पाकिस्तान के एक अखबार ‘द डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने पाकिस्तान को राहत पैकेज देने का ऐलान किया था। इसके बाद वहां के करेंसी बाजार पर दबाव बढ़ गया। 

लेकिन अभी तक सरकार और आईएमएफ के बीच हुई डील की शर्तों का खुलासा नहीं हुआ है। जिसकी वजह से निवेशक चिंतित होकर तेजी से पाकिस्तान रुपया बेच रहे हैं। 

पाकिस्तान में एक डॉलर की कीमत फिलहाल 145 रुपए है। जो वहां के शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण है। बताया जा रहा है कि आने वाले वक्त में पाकिस्तानी रुपए की कीमत में और गिरावट हो सकती है। ऐसा हुआ तो पाकिस्तान में महंगाई आसमान छूने लगेगी। 

पाकिस्तानी रुपए में कच्चे तेल और जरुरत का दूसरा सामान विदेश से मंगाना महंगा हो जाएगा। 

दरअसल पड़ोसी देश की अर्थव्यवस्था लगातार कर्ज पर आधारित होती जा रही है। जिसका उसे ब्याज भी चुकाना पड़ता है। इसकी तुलना में वहां निर्माण और निर्यात ज्यादा नहीं हो पा रहा है। बढ़ते कर्जों का बोझ पाकिस्तान को लगातार अंधकारमय भविष्य की ओर धकेल रहा है। 

दरअसल पाकिस्तान विदेश के कर्जे तथा दूसरे तरह की मदद का इस्तेमाल विकास के लिए नहीं करके सेना और उसके हथियारों के साथ साथ आतंकवादियों पर भी खर्च कर देता है। जिसका उसे कोई रिटर्न नहीं मिलता है। 

पाकिस्तान अपनी इन्हीं नीतियों के कारण बर्बादी का कगार पर पहुंच चुका है। वहां की संसद के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ 88.199 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। जो कि बेहद खतरनाक स्थिति है। 

अब पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से और छह बिलियन डॉलर का लोन ले रहा है। जो आने वाले वक्त में उसकी मुसीबतों में और इजाफा ही करेगा। आईएमएफ ने बेहद कड़ी शर्तों पर पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए हामी भरी है। छह बिलियन डॉलर की यह रकम भी पाकिस्तान को तीन सालों में मिलेगी। 

पाकिस्तान की लगातार तबाह हो रही अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा संकेत शुक्रवार की शाम देखने को मिला। यह ट्रेंड लगातार जारी रहता है तो पाकिस्तान भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएगा।