फेक न्यूज और प्रोपेगैंडा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने पाकिस्तानी सेना की आईएसपीआर यानी इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस से जुड़े 103 पेज, ग्रुपों और एकाउंट को बंद कर दिया। हालांकि विशेषज्ञों के कहना है कि यह तो फेसबुक के फैले हुए विशाल नेटवर्क का एक छोटा सा हिस्सा भर है। 

विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर ऐसे हजारों एकाउंट, पेज और ग्रुप चल रहे हैं, जिन्हें पाकिस्तानी सेना की हिमायत हासिल है। इनसे नकारात्मक प्रोपेगैंडा अथवा विचार को फैलाने फेक न्यूज का सहारा लिया जाता है। 

वर्चुअल जंग के लिए एक्सपर्ट और हैकरों की भर्ती

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, आईएसआई ने कई ऐसे तकनीकी विशेषज्ञों और हैकरों को हायर किया है, जो सूचना के वर्चुअल संसार में लड़ी जाने वाली लड़ाई के लिए तंत्र विकसित करते हैं। झूठी जानकारियां फैलाते हैं, यहां तक कि भारतीय सेना के अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाकर सूचनाएं चोरी करने का भी प्रयास करते हैं। फेसबुक और ट्विटर पर अब भी ऐसे हजारों फर्जी प्रोफाइल मौजूद हैं जो लगातार भारत विरोधी सामग्री का प्रसार कर रहे हैं। इनका भारत में होने जा रहे लोकसभा चुनावों के दौरान मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। 

पुलवामा हमले के बाद सबसे ज्यादा सक्रिय थे पाकिस्तान पेज

इसका सबसे बड़ा उदाहरण पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले और उसके बाद पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के बाद देखने को मिला। इन घटनाओं से दोनों देशों में तनाव चरम पर पहुंच गया था। इसके बाद पाकिस्तानी नेटवर्क के जरिये भारतीय सेना, बालाकोट हमले और भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को लेकर कई तरह के झूठ फैलाए गए। पाकिस्तान की ओर से सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा की बाढ़ आ गई थी। 

सेना को टॉरगेट करने के लिए हाईटेक केंद्र बनाया

एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘माय नेशन’ को बताया कि पाकिस्तान में एक हाईटैक सुविधा केंद्र बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य सोशल मीडिया वेबसाइटों पर भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाना है। दूसरा काम वैश्विक मंच पर भारत की खराब तस्वीर पेश करना है। इसके लिए कई तरह की फेक न्यूज फैलाई जाती हैं। इनमें कश्मीर घाटी में भारतीय सुरक्षा बलों की कथित ‘ज्यादती’,  सांप्रदायिक संदेश और सैन्य बलों के खिलाफ अन्य फेक न्यूज शामिल हैं। पाकिस्तान की वर्चुअल ‘सेना’ कितनी ज्यादा सक्रिय है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अब उन्होंने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में चल रहे विकास कार्यक्रमों में भी रुचि लेना शुरू कर दिया है। 

भारत-पाकिस्तान तनाव को किया जा रहा कैश

साइबर अपराध विशेषज्ञ तरुण विग के अनुसार, पाकिस्तान मौजूदा तनाव के हालात में उग्र प्रोपेगैंडा फैला रहा है। उन्होंने दोतरफा रणनीति अपनाई है। पहली- खुद को अच्छा दिखाना और दूसरा युवाओं को कट्टरपंथ की राह पर धकेलना। दिल्ली स्थित आईटी सिक्योरिटी सॉल्यूशन कंपनी इनेफ्यू लैब्स के सह-संस्थापक तरुण विग के मुताबिक, ‘हमारा विश्लेषण दर्शाता है कि कैसे बॉट्स की मदद से फर्जी फोटो को बड़े पैमाने पर फैलाया जाता है। यही बॉट्स देश के अलग-अलग हिस्सों मे कश्मीरी युवाओं पर हमलों की झूठी सूचनाओं को फैला रहे हैं। इन बॉट्स की पहचान करना काफी आसान होता है। दरअसल, ये कुछ मिनटों के अंतराल पर री-ट्वीट किए बगैर एक-दूसरे के एक समान कंटेट को प्रमोट करते हैं।’

फेसबुक ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे 103 पेजों, ग्रुपों और एकाउंट को बंद कर दिया जो फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अप्रमाणिक यानी झूठी जानकारियां फैला रहे थे। ये सभी पाकिस्तान के नेटवर्क से जुड़े थे। फेसबुक की ओर सी भी कहा गया है कि इन पेजों को पाकिस्तानी सेना का समर्थन हासिल था।

फेसबुक की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘इन गतिविधियों को छिपाने के लिए इन एकाउंट्स को चलाने वाले लोगों ने अपनी पहचान छिपा रखी थी, लेकिन जांच में पता चला है कि ये सभी अकाउंट्स पाकिस्तानी सेना की आईएसपीआर के कर्मचारियों से जुड़े थे। इन एकाउंट्स पर पाकिस्तानी सेना और उसके सैनिकों का महिमामंडन करना और भारत के विंग कमांडर अभिनंदन को लेकर पाकिस्तान को एक शांति-प्रिय देश बताना था. साथ ही कश्मीर में संघर्ष, विद्रोह और खून-खराबा जैसी जानकारी डाली गई थी। साथ ही भारतीय वायुसेना को लेकर भी अपशब्द कहे गए हैं।’