लाहौर: बुधवार को ईद के मौके पर हाफिज सईद को गद्दाफी स्टेडियम में घुसने तक नहीं दिया गया। ये वही जगह है जहां पर हाफिज सईद ईद की नमाज का नेतृत्व करता था। वहां मौजूद हजारो लोगों की भीड़ उसके एक इशारे पर झुकती थी और उठती थी। जिसके बाद वह वहां मौजूद लोगों को भारत के खिलाफ भड़काता था। 

हाफिज सईद पाकिस्तानियों को कश्मीर के बारे में झूठी कहानियां सुनाकर भड़काता था। उसकी उत्तेजक बातें सुनकर पाकिस्तान के लोग कश्मीर में आतंकी गतिविधियां चलाने के लिए उसे चंदा भी देते थे। 

11 साल पहले संयुक्त राष्ट्र ने लगाया था प्रतिबंध

हालांकि हाफिज सईद पर 10 दिसंबर 2008 से ही संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन वह हर साल पाकिस्तान में ईद और बकरीद के मौके पर पाकिस्तान में भारत के खिलाफ आग भड़काने वाले भाषण देता था। यही नहीं इस दौरान पाकिस्तान सरकार के हथियारबंद जवान उसकी सुरक्षा के लिए तैनात रहते थे। जिसकी वजह से उसका दर्जा वीआईपी जैसा हो जाता था। 

लेकिन इस बार ईद के मौके पर उसे गद्दाफी स्टेडियम में घुसने तक नहीं दिया गया। हाफिज सईद ने अपने निवास जौहर कस्बा के पास की मस्जिद में नमाज पढ़ी। 

क्यों मजबूर हुआ हाफिज सईद?

दरअसल हाफिज सईद को पाकिस्तान के पंजाब सरकार के प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि अगर हाफिज सईद ने हमेशा की तरह सार्वजनिक नमाज और तकरीर करने की कोशिश की तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। जिसके बाद सैकड़ो भारतीयों के खून से होली खेलने वाला आतंकी सईद डर गया। उसने गद्दाफी स्टेडियम में नमाज का नेतृत्व करने से तौबा कर लिया।  

एक आतंकी जिस पर संयुक्त राष्ट्र ने 11 साल पहले प्रतिबंध लगा रखा था। वह साल में दो अहम ईद और बकरीद के दिन हजारों की भीड़ का नेतृत्व करता था। भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण देता था।  उसे पाकिस्तान के सशस्त्र जवान सुरक्षा देते थे। ऐसा सालों से चला आ रहा था। 

तो फिर अचानक इस बार की ईद पर क्या हुआ?

इसका जवाब है कि अब भारत में फिर से मोदी सरकार है। जिसने पिछले 5 सालों में बिना किसी महाशक्ति का सहारा लिए पाकिस्तान के इर्द गिर्द इतना बड़ा अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक दबाव बना दिया है कि वहां का प्रशासन भारत की मर्जी के मुताबिक फैसले लेने के लिए मजबूर हो गया है। 

आज ईद के मौके पर लश्करे तैयबा के मुखौटा संगठन जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद के साथ पाकिस्तान का सलूक देखकर लगता है कि मुंबई में 166 लोगों की मौत का जिम्मेदार शख्स ज्यादा दिनों तक बच नहीं पाएगा।