नई दिल्ली। आतंक की फैक्ट्री के तौर पर दुनिया भर में बदनाम पाकिस्तान अब जम्मू-कश्मीर को दहलाना चाहता है। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक से पहले घाटी में खून खराबा करने की योजना बना रहा है। इसके लिए पाकिस्तान ने अपने पाले आतंकियों को धार्मिक स्थलों को निशाने बनाने के आदेश दिए हैं। असल में पाकिस्तान इस हिंसा के जरिए ये संदेश देना चाहता है कि कश्मीर में हिंसा हो रही है और इसके लिए यूएन को दखल देना चाहिए।

पाकिस्तान जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद बौखला गया है। पाकिस्तान ने इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की हरसंभव कोशिश की। लेकिन वह विफल रहा। पाकिस्तान को किसी भी देश का साथ नहीं मिला। उसके केवल चीन का साध मिला। वह भी चीन ने अपने हितों को साधते हुए पाकिस्तान का साथ दिया।

अब पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देना चाहता है। पाकिस्तानी सेना बार्डर पर जमा हो रही है और उसने वहां पर टैंक भी तैनात कर दिए हैं। ताकि वह सीजफायर का उल्लंघन कर इसकी आड़ में आंतकियों को भारत में भेज सके। अभी तक पाकिस्तान हर चाल में उसे नाकामी मिली है।

इस महीने के आखिरी सप्ताह में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक होने वाली है और इससे पहले वह कश्मीर में आतंक फैला कर विश्व समुदाय का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को जो इनपुट मिला है, उसके मुताबिक आने वाले दिनों में आतंकवादियों की घुसपैठ और सीमापार से गोलीबारी बढ़ने की आशंका है।

पाकिस्तान हिंसा को बढ़ावा देकर कश्मीर मुद्दे को उठाने की पूरी कोशिश करेगा। संयुक्त राष्ट्र की होने वाली बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाएंगे और इसमें पाकिस्तान के पीएम इमरान खान भी हिस्सा लेंगे। लिहाजा इस बात की पूरी संभावना है कि इमरान खान इस बैठक में कश्मीर का मुद्दा उठाएंगे।